
खबर अभी अभी ब्यूरो सोलन
इससे दृष्टि के बाधित होने को सफेद मोतिया कहते हैं। सफेद मोतियाबिंद से पीड़ित लोगों को पढ़ने, नजर का काम करने, कार चलाने (विशेषकर रात के समय) में समस्या आती है। सफेद मोतिया आयु बढ़ने के साथ-साथ, मधुमेह, अत्यधिक मात्रा में शराब का सेवन, सूर्य के प्रकाश का अत्यधिक एक्सपोजर मोतियाबिंद का पारिवारिक इतिहास, उच्च रक्तदाब, मोटापा, आंखों में चोट लगना या सूजन, पहले हुई आंखों की सर्जरी, धूम्रपान आदि के कारण सफेद मोतिया होता है। सफेद मोतिया से बचाव के लिए लोगों को नियमित रूप से आंखों की जांच करवानी चाहिए। सूरज की पराबैंगनी किरणें मोतियाबिंद विकसित करने में सहायता कर सकती हैं। जब भी बाहर धूप में निकलें तो चश्मा लगाना चाहिए। अगर मधुमेह या अन्य कोई समस्या है तो उनका उचित उपचार कराना चाहिए। मोटापे को कम करना चाहिए। हरी सब्जियों को अपने भोजन में शामिल करना चाहिए। धूम्रपान और शराब का सेवन नहीं करना चाहिए।
इस बारे में डॉ. राधाकृष्णन मेडिकल कॉलेज के एमएस डॉ. अनिल वर्मा ने कहा कि सफेद मोतिया बढ़ता जा रहा है। समय पर उपचार से इससे बचा जा सकता है। इसलिए लक्षण सामने आने पर तुरंत विशेषज्ञ चिकित्सक से इलाज करवाएं।





