
#खबर अभी अभी शिमला ब्यूरो*
22 सितंबर 2023

मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कुछ महीने पहले पिछली जयराम सरकार पर वित्तीय कुप्रबंधन का आरोप लगाते हुए इस संबंध में श्वेत पत्र लाने की बात की थी और इसके लिए एक मंत्रिमंडलीय उपसमिति बनाई, जिसे उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री की अध्यक्षता में बनाया गया। इसके दो अन्य सदस्य ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह और कृषि मंत्री चंद्र कुमार बनाए गए। इस श्वेत पत्र को तैयार करते हुए मंत्रिमंडलीय उप समिति की कई बैठकें हुईं। इसके बाद 44 पन्नों की यह रिपोर्ट तैयार की गई। इस रिपोर्ट को उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने गुरुवार को प्रश्नकाल के बाद संसाधन के पटल पर रखा। रिपोर्ट के कुछ महत्वपूर्ण अंश इस तरह से हैं
मंत्रिमंडलीय उप समिति ने श्वेत पत्र में यह सिफारिश की कि राज्य सरकार ने संसाधन जुटाने और फिजूलखर्ची को रोकने के लिए जरूरी कदम उठाए। फिजूलखर्ची पिछली सरकार की विरासत है। इस कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में लिखा कि प्रदेश में मौजूदा प्राकृतिक आपदा से झटका लगने के बावजूद राज्य में 12000 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ है। कमेटी को उम्मीद है कि राज्य की जनता की मदद और संसाधन जुड़ने के लिए वर्तमान सरकार के प्रयासों से अर्थव्यवस्था मजबूत होगी। उप समिति ने चिंता जताई कि वित्तीय स्थिति का राज्य की विकासात्मक गतिविधियों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा और राज्य की जनता को इसका बहुत नुकसान होगा। संसाधन जुटाए बगैर और पिछली सरकार की दोषपूर्ण नीतियों व निर्णयों के चलते अतिरिक्त प्रयास किए बिना के वित्त और विकास को पटरी पर लाना असंभव है।
केंद्र ने 9,000 करोड़ रुपये नहीं किए जारी
सरकार ने एनएसडीएल के पास राज्य सरकार द्वारा राष्ट्रीय पेंशन योजना (एनपीएस) के तहत 9000 करोड़ से अधिक जमा की गई राशि को जारी करने के लिए पेंशन फंड नियामक और विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) के समक्ष मामला उठाया है। राज्य सरकार ने अपने कर्मचारियों को एक विकल्प देकर एनपीएस से ओपीएस में शिफ्ट कर दिया, परंतु केंद्र सरकार पीएफआरडीए से कर्मचारियों की संचित राशि जारी करने में विफल रही।
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