
#खबर अभी अभी शिमला ब्यूरो*
3 अक्तूबर 2023

भारी बारिश से शिमला शहर में हुए नुकसान के बाद भू-वैज्ञानिकों ने भवनों के निर्माण में वैज्ञानिक नीति के इस्तेमाल की जरूरत बताई है। वैज्ञानिकों ने सलाह दी है कि किसी भी निर्माण से पहले वहां की मिट्टी की जांच करवाना जरूरी की जाए। बारिश से शिमला सर्किल में लोक निर्माण विभाग ने 138 करोड़ रुपये के नुकसान का आकलन किया है। यह केवल सड़कों को हुई क्षति का आंकड़ा है। भवनों, डंगों और अन्य सामुदायिक संपत्तियों के नुकसान को जोड़ा जाए तो शहर में 500 करोड़ से ऊपर की क्षति हुई है। शहर में अधिकतम नुकसान उन इलाकों में हुआ है जहां तलछटी चट्टानों पर भारी बारिश से दबाव पड़ा।
एक पूर्ण जल निकास नीति बनाने दी दरकार
शिमला के खनन अधिकारी एवं भू-वैज्ञानिक गौरव शर्मा ने बताया कि शहर के मुख्य पहाड़ मजबूत हैं। बिना मिट्टी की जांच करवाए शहर में हर जगह 4-5 मंजिलों के मकानों का निर्माण किया जा रहा है जो खतरनाक है। शिमला के पहाड़ों को जरूरत है, एक पूर्ण जल निकास नीति की। इससे बारिश का पानी पहाड़ों में रिसने के बजाय किसी और तरीके से उपयोग हो।
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