वजन कंट्रोल, बीपी और शुगर में रामबाण ‘कंगनी मिलेट’, गर्भवती महिलाओं और बच्चों के लिए भी गुणकारी

खबर अभी अभी सोलन ब्यूरो

25 फरवरी 2024

Kangni millet is a panacea for anemia, weight control, BP and sugar

दक्षिण भारत में उगने वाली मिलेट कंगनी (फॉक्सटेल) का सेवन एनीमिया, उच्च रक्तचाप और शुगर के लिए रामबाण है। यही नहीं, कंगनी मोटापा कम करने में भी काफी फायदेमंद है। वर्तमान में इसकी सबसे अधिक पैदावार केवल कर्नाटक में होती है। यह एक प्रकार से एंटीऑक्सिडेंट है और काफी पौष्टिक अनाज है। कंगनी फाइबर, प्रोटीन, कैल्शियम, आयरन, मैग्नीशियम, फॉस्फोरस और विटामिन से भरपूर है। इसका प्रयोग गर्भवती महिलाओं और बच्चों के लिए भी गुणकारी है।

बच्चों में एनीमिया की कमी को कम करने के लिए इसका प्रयोग किया जा सकता है। वहीं इसे औषधीय प्रयोग में भी लाया जाता है। लेकिन वर्तमान में प्रदेश में इसकी पैदावार नहीं हो रही है। लोगों को भी इस बारे में काफी कम जानकारी है। सोलन में आयोजित राज्य स्तरीय मिलेट्स मेले में बिलासपुर से आए यशपाल ने कंगनी मिलेट के बारे में लोगों को जानकारी दी। खास बातचीत के दौरान उन्होंने बताया कि दक्षिण भारत में इसकी अधिक पैदावार हो रही है। आधुनिक मशीनों के जरिये इसकी थ्रैशिंग की जाती है।

कंगनी के दाम साउथ में काफी कम है। वहां पर लोग इसका सेवन भी कर रहे हैं। इसके आटे से कई खाद्य पदार्थ बनाए जाते हैं। लेकिन प्रदेश में साउथ की तर्ज पर थ्रैशिंग की आधुनिक मशीनें नहीं हैं। प्रदेश में इसकी पैदावार तो आसान है, लेकिन इसकी थ्रैशिंग करना काफी मुश्किल है। इसके चलते प्रदेश में लोगों ने इसकी पैदावार 1980 के बाद से बंद कर दी है। सरकार को कंगनी उत्पादन के बारे में लिखा गया है। इसकी थ्रैशिंग करने के लिए प्रयोग आने वाली मशीनों की खरीदारी के लिए भी कहा है।

कंगनी के आगे चावल की खीर फेलमिलेट कंगनी का दलिया आकार भी आता है। इससे कंगनी खीर बनाई जा सकती है। बताया जा रहा है कि कंगनी खीर के आगे चावल की खीर फेल है। सेहत के लिए गुणकारी होने के साथ-साथ कंगनी का स्वाद भी बेहतर होता है। भारतीय कदन्न संस्थान हैदराबाद की रिपोर्ट के अनुसार कंगनी में प्रोटीन 12.3 ग्राम, फाइबर 8 ग्राम, खनिज 3.3 ग्राम, आयरन 2.8 मिली ग्राम और कैल्शियम 31 मिली ग्राम होता है।

खबर अभी अभी सोलन ब्यूरो

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