
#खबर अभी अभी मंड़ी ब्यूरो*
5 नवम्बर 2024
नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि अपने आला नेताओं से लेकर छोटे नेताओं भाषण और कांग्रेस का गारंटी पत्र पढ़कर मुख्यमंत्री यह जान गए होंगे कि उन्होंने एक भी गारंटी पूरी नहीं की है। अब उन्हें अपनी कथनी और करनी का अंतर समझ में आ जाना चाहिए। उन्हें यह भी समझ में आ जाना चाहिए कि झूठ बोलकर ख़ुद को तसल्ली दी जा सकती है पूरे प्रदेश को नहीं। क्योंकि अब लोग स्वयं जागरूक हैं और उन्हें पता है कि सरकार ने चौक चौराहों पर चिल्ला-चिल्लाकर क्या क्या घोषणाएं की थी और आज क्या काम किए जा रहे हैं? उन्हें अपने नेताओं के एक-एक शब्दों को भी याद करना चाहिए कि उन्होंने महिला सम्मान निधि के बारे में क्या कहा था?
उन्हें अपने पार्टी के रणनीतिककारों के बयानों को फिर से सुनना चाहिए कि ‘हमने सारी व्यवस्था पहले से ही करके यह घोषणाएं की हैं, हवा में कांग्रेस पार्टी कोई बात नहीं करती है’। यह सब सुनना चाहिए और उन नेताओं से पूछना चाहिए कि उनकी सारी तैयारियां कहाँ गई है? अगर मुख्यमंत्री को उनके भाषण न मिल रहे हो तो हमें बताएँ हम उपलब्ध करवा देंगे। विधान सभा में एक उन्हें हम याद दिला चुके हैं। सदन के अंदर सारे कागज अध्यक्ष महोदय के माध्यम से उन्हें भी दिखाए जा चुके हैं।
जयराम ठाकुर ने कहा कि सरकार विपक्ष पर सारा दोष मढ़कर अपना पल्ला नहीं झाड़ सकती है। लोकतंत्र में जवाबदेही सबसे बड़ी चीज है। जिन मुद्दों पर आप चुनकर आए हैं उससे मुंह नहीं मोड़ सकते हैं। उस पर आप झूठ बोलकर नहीं बच सकते हैं। धीरे-धीरे सबने सच को स्वीकार कर लिया। कांग्रेस की जहां-जहां सरकारें हैं, उन प्रदेशों के हालात आज बहुत बुरे हैं। कई कांग्रेस शासित राज्यों ने तो स्पष्ट कह दिया कि हमसे यह नहीं हो पाएगा। लेकिन हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू अभी भी हार नहीं मान रहे हैं और वह झूठ पर झूठ बोले जा रहे हैं कि हमने सब कर दिया।
अब सवाल यह है कि आपने सब कर दिया तो लोगों को मिला क्यों नहीं? जो आपने किया वह किस के लिए किया? सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या आपने ऐसे ही करने का वादा करके सत्ता हासिल की थी? विधान सभा चुनाव में वोट लेने के लिए 18 से 59 साल की सभी 22 लाख महिलाओं को आपने 1500 रुपए हर महीनें देने का वादा किया था और इस साल लोकसभा चुनाव के समय आचार संहिता लगने के समय 25 हज़ार महिलाओं को एक किस्त देकर कहते हैं कि गारंटी पूरी कर दी। क्या उन महिलाओं को उसके बाद भी हर महीनें पैसे मिल रहे हैं? जवाब है नहीं मिल रहे हैं? तो कहाँ से आपकी गारंटी पूरी हुई?
प्रदेश के लोगों की भावनाओं से खेलने के बाद अब अगर मुख्यमंत्री यह कहें की हमने सम्मान निधि देने की गारंटी पूरी कर दी तो इससे ज़्यादा शर्मनाक कुछ नहीं हो सकता है। झूठ बोलकर मुख्यमंत्री खुद को सांत्वना देना चाहते हैं तो दें लेकिन सत्य यही है कि सत्ता हासिल करने के लिए उन्होंने मातृशक्ति की भावनाओं के खिलवाड़ किया। बाकी गारंटियों का यही हाल है। कहा था फ्री बिजली देंगे नौकरी देंगे, बिजली महंगी कर दी, नौकरियां छीन ली और पद समाप्त कर दिए। गारंटियाँ पूरा कर दिया है का झूठ बोलकर मुख्यमंत्री ने प्रदेश के लोगों से गारंटियों के पूरी होने की उम्मीद को भी ख़त्म करने का संदेश दे दिया।





