क्रोशिया से नारी सशक्तिकरण की कहानी बुनती मंडी की मुस्कान उपाध्याय

खबर अभी अभी ब्यूरो

मंडी

आसमान से उतरी परियां हैं बेटियां
उनींदी आंखों का सपना है बेटियों
कवयित्री प्रीति अपराजिता की यह काव्य पंखुड़ी मंडी की रहने वाली मुस्कान उपाध्याय पर एकदम सटीक बैठती है। मुस्कान क्रोशिया से नारी सशक्तिकरण की कहानी बुन रही है। जमा दो की पढ़ाई विज्ञान संकाय में पूरी करने वाली मुस्कान अंग्रेजी में स्नातकोत्तर की पढ़ाई कर रही हैं।

हैंडीक्राफ्ट को कैरियर के रूप में लेते हुए उन्होंने कैनवास पेंटिंग और क्रोशिया से ही जीवन में सफलता के सपने चुने हैं। वह कहती है कि आज की युवा पौड़ी हैंडीक्राफ्ट में अधिक रूचि नहीं ले रही, आज जरूरत इस कला को बचाने की है। वह हैंडीक्राफ्ट में ही अपना कैरियर बनाएंगी। बचपन पे पेंटिंग का शौक रहा और फिर हैंडीक्राफ्ट में दखल रखते हुए मुस्कान आज की पौढ़ी के लिए प्रेरणा बन गई। मंडी के द्रंग नगरोटा गांव से आने वाली मुस्कान ने ग्रामीण महिलाओं को आत्मर्निर बनाने के लिए शिव शक्ति

नाम से स्वयं सहायता समूह बना रखा है और वह जमीनी स्तर पर यहां प्रयासरत हैं।

मुस्कान हैंडीक्राफ्ट क्षेत्र में नए प्रयोगों के साथ आगे बढ़ती हुई नजर आती हैं। वेस्ट मटीरियल से सजावटी सामान बनाने का हुनर वह बेखूबी जानती हैं। कैनवास पर पेंटिंग की कला में भी मुस्कान को पारंगता हासिल है। हैंडीक्राफ्ट में मुस्कान का काम बोलता है। ग्रामीण महिलाओं को क्रोशिया वर्क और हैंडीक्राफ्ट की अन्य विधाओं का प्रशिक्षण देते हुए मुस्कान उन्हें आर्थिक तौर पर आत्मनिर्भर में जुटी हुई हैं। विभिन्न संस्थान उन्हें प्रशिक्षण देने के लिए आमंत्रित करते रहे हैं।

इन दिनों मंडी शिवरात्रि मेला के उपलक्ष्य में यहां इंदिरा मार्केट की छत पर सजी कला प्रदर्शनी में क्राफ्ट एंड क्रिएशन स्टाल नंबर 11 में मुस्कान उपाध्याय की हस्तकला को देखने के लिए बड़ी संख्या में लोग पहुंच रहे हैं। पापा राजेश कुमार और मां अदिति शर्मा कहती हैं कि बिटिया मुस्कान की सफलता पर उन्हें नाज है।

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