
खबर अभी अभी ब्यूरो
जिला ऊना में वन विभाग का अधिकतर क्षेत्र पंजाब के साथ सटा है। इसमें संतोषगड, हरोली, गगरेट, चिंतपूर्णी सहित अन्य क्षेत्र शामिल हैं। अधिकतर हिस्सों में अवैध कटान कर लाखों की वन संपदा को रातों-रात काटकर पंजाब पहुंचाया जा रहा है। इन्हें रोकने के लिए न ही वन-विभाग के पास हथियार है और न ही पूरा स्टाफ।
जिला ऊना में वन विभाग में इस समय कुल 136 कर्मचारियों की जरूरत है। इस समय वन विभाग के पास एक जिला वन अधिकारी, पांच रेंज अधिकारी, 16 बीओ, 69 फोरेस्ट गार्ड, एक असिस्टेंट, पांच क्लर्कों से काम चलाया जा रहा है। अधिकारियों समेत कुल 97 कर्मचारी तैनात हैं। इस समय जिला वन विभाग में 39 पद खाली चल रहे हैं। वन कर्मचारियों तथा अधिकारियों में केवल 17 लोगों के पास ही सब्सिडी वाली गन उपलब्ध है। बाकी 74 वन विभाग के कर्मचारी बिना हथियार से कैसे आधी रात को इन अवैध कटान माफिया पर शिकंजा कसेंगे। बंगाणा रेंज और रामगढ़ धार रेंज में हाल ही में बढ़ती अवैध कटान की घटनाओं को देखते हुए वन विभाग ने अपनी गश्त तेज कर दी है। इस क्षेत्र में पहले भी अवैध लकड़ी कटान के कई मामले सामने आ चुके हैं।
वन मंडलाधिकारी सुशील राणा का कहना है कि विभाग की टीमें लगातार गश्त कर रही हैं। अवैध कटान माफिया पर लगातार शिकंजा भी कसा जा रहा है। इसके लिए वन विभाग को जनता का सहयोग भी जरूरी है। जनता सहयोग करेगी तो हमारे हरे भरे जंगलों को नुकसान पहुंचाने वालों को किसी भी कीमत में बक्शा नहीं जाएगा। विभाग में स्टाफ की स्थिति के बारे में आला अधिकारियों को समय-समय पर अवगत करवाया जाता है।


