भाग चंद बताते हैं कि उन्होंने सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) विषय में पढ़ाई की है। कुछ समय आईटी क्षेत्र में नौकरी की, मगर मन कृषि क्षेत्र में ही रमा रहा। ऐसे में घर में ही पुश्तैनी जमीन पर बागवानी का फैसला किया। शुरूआत में पारंपरिक तकनीक से ही खेती-बाड़ी किया करते थे, जिसमें गेहूं, मटर, जौ, मक्की जैसी फसलें उगाते। कभी समय पर बारिश न होने, तो कभी ओले पड़ने जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता था, जिससे फसलों के अच्छे परिणाम नहीं मिल पाए।
खेती-बाड़ी में रूचि बहुत थी। ऐसे में हार मानने के बजाय बागवानी विभाग के अधिकारियों से सम्पर्क कर परंपरागत खेती को आधुनिक खेती में बदलने का फैसला किया। उन्होंने पॉलीहाउस लगाकर फूलों की खेती करने का सुझाव दिया। विभाग द्वारा कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर में उन्हें प्रशिक्षण भी दिया गया।भाग चंद ने शुरू में एकीकृत बागवानी विकास मिशन व हिमाचल पुष्प क्रांति योजना के तहत वर्ष 2020 में तीन पॉलीहाउस लगाकर कार्नेशन फूलों की खेती शुरू की। अच्छी फसल व बाजार में बेहतर दाम मिलने पर वर्ष 2022, 2023 और 2024 में अतिरिक्त पॉलीहाउस स्थापित किए और कार्नेशन की खेती को विस्तार दिया। वर्तमान में वे लगभग 1700 वर्ग मीटर भूमि पर कार्नेशन, स्प्रे कार्नेशन, स्टोमा, जिप्सो किस्म के फूलों की खेती कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि वे कार्नेशन दिल्ली शहर में बेचते हैं। इससे प्रतिवर्ष लगभग 12 लाख रुपये की आमदनी हो जाती है।