
हिमाचल प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में मरीजों से पर्ची के 10 रुपये लेने के फैसले को लेकर उठ रहे सवालों के बीच मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने स्पष्ट किया कि यह निर्णय राज्य सरकार द्वारा निर्देशों का हिस्सा नहीं है। उन्होंने कहा कि यह सुझाव अस्पतालों की रोगी कल्याण समितियों से आया था और इस पर सरकार ने कोई जबरदस्ती नहीं की है।
इस दौरान मुख्यमंत्री ने बताया कि कुछ अस्पतालों की रोगी कल्याण समितियों ने पर्ची शुल्क लगाने का प्रस्ताव रखा था ताकि अस्पतालों में स्वच्छता, मरम्मत व अन्य आवश्यक कार्यों के लिए संसाधन जुटाए जा सकें। और इसके बाद कैबिनेट की सब-कमेटी ने इस सुझाव पर विचार किया और कहा कि यह निर्णय अस्पताल स्तर पर ही लिया जाएगा। हमने कोई निर्देश नहीं दिए हैं कि सभी अस्पतालों में पर्ची के 10 रुपए अनिवार्य रूप से वसूले जाएं। यह पूरी तरह संबंधित अस्पताल की रोगी कल्याण समिति के विवेक पर निर्भर करता है कि वे इस तरह का शुल्क लगाना चाहते हैं या नहीं।





