ठियोग-हाटकोटी सड़क, सरकार के हलफनामे से हाईकोर्ट असंतुष्ट, दिए ये निर्देश

शिमला: ठियोग-हाटकोटी-रोहडू सड़क के किनारे नालियों के अवरुद्ध होने और भूस्खलन से सड़क को हुए नुकसान पर सरकार की ओर से दायर हलफनामे से हिमाचल हाईकोर्ट ने असंतुष्ट है। मुख्य न्यायाधीश गुरमीत सिंह संधावालिया और न्यायाधीश रंजन शर्मा की खंडपीठ ने सड़क के रखरखाव की जिम्मेदारी पर प्रदेश सरकार को स्पष्ट और विस्तृत हलफनामा दायर करने के निर्देश दिए हैं। इसके अतिरिक्त न्यायालय ने केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय को भी इस मामले में पक्षकार बनाया है। अगली सुनवाई 7 अगस्त को होगी।

खंडपीठ ने सुनवाई के दौरान पाया कि सरकार और विभाग की ओर से दायर हलफनामे में सड़कों की मरम्मत के कार्य का विवरण और सड़क के किस हिस्से के लिए मंजूरी मिल चुकी है व किसके लिए मांगी गई है, इस पर कोई विस्तृत जानकारी नहीं दी गई है। अदालत में हिमाचल प्रदेश लोक निर्माण विभाग के खड़ापत्थर के सहायक अभियंता शिव वर्धन भी व्यक्तिगत रूप से मौजूद थे। स्वीकार किया कि भूस्खलन के कारण मलबा गिरने से सड़क किनारे नालियां अवरुद्ध हो गई है। रिटेनिंग वॉल भी क्षतिग्रस्त हो गई है।

हलफनामे में कहा गया है कि नुकसान के आकलन के संबंध में अनुमान केंद्रीय मंत्रालय की मंजूरी के लिए भेजा गया है। कुछ मामलों में मंत्रालय से मंजूरी भी प्राप्त हो गई है। क्षतिग्रस्त रिटेनिंग वॉल की बहाली का काम शुरू कर दिया गया है। ठियोग- हाटकोटी-रोहडू सड़क की बदहाली के कारण लोगों को पेश आ रही कठिनाइयों के संबंध में इस संबंध में जनहित याचिका दायर की गई है। याचिका में जिक्र किया गया है कि शिमला तक भी नालियों और सड़क पर जलभराव के कारण लोगों को दिक्कत हो रही है।

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