
कांगड़ा केंद्रीय सहकारी बैंक (केसीसीबी) लिमिटेड धर्मशाला के मौजूदा निदेशक मंडल के कार्यकाल विस्तार के प्रस्ताव को खारिज कर हिमाचल प्रदेश सहकारी सभाएं विभाग के पंजीयक (आरसीएस) ने जोर का झटका दे दिया है। यदि निर्धारित अवधि में चुनाव की प्रक्रिया पूरी न की तो प्रदेश सरकार को बैंक में प्रशासक की नियुक्ति करनी पड़ेगी सकती है। आरसीएस कार्यालय से आए इन आदेशों के बाद बैंक के निदेशक मंडल में हड़कंप है। दरअसल, कांगड़ा केंद्रीय सहकारी बैंक के निदेशकों का कार्यकाल पांच साल रहता है। नियमों के अनुसार पांच साल का कार्यकाल पूरा होने से 90 दिन पहले निदेशक मंडल के चुनाव की प्रक्रिया शुरू करना अनिवार्य है। केसीसी बैंक की बीओडी में कांगड़ा, ऊना, हमीरपुर, कुल्लू और लाहुल-स्पीति समेत पांच जिलों से कुल 16 निदेशक हैं, जो पांच साल पहले चुनाव के जरिये चुन कर आए हैं।
वर्तमान निदेशक मंडल का कार्यकाल इस साल सितंबर में खत्म हो रहा है। इस लिहाज से चुनाव की प्रक्रिया 30 जून 2025 से शुरू हो जानी चाहिए थी। वर्तमान कांग्रेस सरकार को सत्ता संभाले अभी ढाई साल का ही समय हुआ है। बैंक चेयरमैन कुलदीप पठानिया की नियुक्ति भी इसी सरकार में हुई है। ऐसे में बीओडी ने बीते माह आयोजित बैठक में कार्यकाल विस्तार के लिए एक प्रस्ताव पारित कर हिमाचल प्रदेश सहकारी सभाएं विभाग के पंजीयक को भेजा था। बीओडी ने कार्यकाल बढ़ाने के लिए प्रस्ताव में इस बात का जिक्र किया था लेकिन प्रदेश में बरसात का मौसम है। ऐसे में चुनाव की प्रक्रिया पूरी करवाना मुश्किल है। आरसीएस ने कहा कि प्रावधानों का अवलोकन करने पर पाया कि प्रदेश सहकारी समिति अधिनियम-1968 में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है जो सहकारी समितियों के रजिस्ट्रार को बोर्ड का कार्यकाल पांच वर्ष से अधिक बढ़ाने का अधिकार देता हो। हिमाचल प्रदेश सहकारी सभाएं विभाग के रजिस्ट्रार डॉ. आरके प्रूथी (आईएएस) ने कहा कि कार्यकाल विस्तार का नियमों में कोई प्रावधान नहीं है। उन्होंने अतिरिक्त रजिस्ट्रार सहकारी सभाएं धर्मशाला को इस मामले में उचित कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।
भर्ती परीक्षा पास करने के आठ साल बाद भी नहीं मिली नौकरी
कांगड़ा केंद्रीय सहकारी बैंक (केसीसी बैंक) की वर्ष 2017 में आयोजित भर्ती परीक्षा को उत्तीर्ण करने वाले 216 अभ्यर्थी आज भी नियुक्ति का इंतजार कर रहे हैं। अभ्यर्थी रजनीश शर्मा ने बताया कि बैंक प्रबंधन ने वर्ष 2017 में ग्रेड-3 सहायक प्रबंधक, जूनियर कंप्यूटर प्रोग्रामर, ग्रेड-4 लिपिक और कंप्यूटर ऑपरेटर समेत विभिन्न श्रेणियों के 216 पदों के लिए आवेदन आमंत्रित किए थे। हिमाचल प्रदेश शिक्षा बोर्ड धर्मशाला के माध्यम से लिखित परीक्षा करवाई गई, जिसके बाद अभ्यर्थियों का साक्षात्कार भी हुआ। इसके बावजूद अब तक नियुक्तियां नहीं दी गई। केसीसी बैंक के चेयरमैन कुलदीप पठानिया ने कहा कि मामला सरकार के समक्ष उठाया गया है।





