HP High Court: हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने 15 साल पुरानी स्कूल बस को चलाने की दी अनुमति, जानें पूरा मामला

हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट में स्कूल बसों की 15 साल की समयसीमा खत्म होने के बाद चलाने की अनुमति न मिलने को लेकर एक याचिका दायर की गई है। याचिका में कहा गया है कि जब 20 साल पुरानी बस में यात्रा करने वाले यात्री सुरक्षित हैं तो यह मानने का कोई कारण नहीं है कि 15 साल पुरानी बस में यात्रा करने वाले छात्र असुरक्षित होंगे। न्यायाधीश विवेक सिंह ठाकुर और न्यायाधीश रोमेश वर्मा की खंडपीठ ने याचिकाकर्ता को उसकी 15 साल पुरानी बस को छात्रों को लाने-ले जाने के लिए चलाने की अंतरिम राहत प्रदान की है।

अदालत ने प्रतिवादियों को निर्देश दिया है कि वह याचिकाकर्ता को बस को छात्रों के परिवहन के लिए चलाने की अनुमति दें। हालांकि, यह अनुमति वाहन की आयु को छोड़कर अन्य सभी औपचारिकताओं और शर्तों को पूरा करने के अधीन होगी। सभी औपचारिकताएं और शर्तें तीन दिनों के भीतर पूरी करनी होंगी। खंडपीठ ने कहा कि यह अंतरिम आदेश याचिका के लंबित रहने तक जारी रहेगा, जो भविष्य में बदलाव, निरस्तीकरण और संशोधन के अधीन होगा। सरकार की ओर से अंतरिम राहत का विरोध किया गया। कहा कि याचिकाकर्ता के खिलाफ अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है। दलील दी कि स्कूलों के संबंध में 15 वर्ष से अधिक पुरानी बसों को न चलाने की शर्त छात्रों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए लगाई गई है। याचिकाकर्ता ने तर्क दिया कि छात्रों और अन्य यात्रियों के लिए सुरक्षा मानक अलग-अलग नहीं हो सकते।

गगल हवाई अड्डे पर सरकार ने रखा अपना पक्ष
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट में गगल हवाई अड्डे के विस्तारीकरण को लेकर अंतिम सुनवाई हो रही है। कोर्ट के पिछले आदेशों के बाद महाधिवक्ता ने वीरवार को राज्य सरकार का पक्ष अदालत के समक्ष रखा। इस मामले की सुनवाई न्यायाधीश विवेक सिंह ठाकुर और न्यायाधीश रोमेश वर्मा की खंडपीठ कर रही है। मामले की अगली सुनवाई 18 नवंबर को होगी।

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