तीन साल में सेवानिवृत्त 5,356 कर्मियों को मिल रही पुरानी पेंशन: सीएम सुक्खू

धर्मशाला | मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि तीन साल में सेवानिवृत्त हुए 5,356 कर्मियों को पुरानी पेंशन का लाभ मिल रहा है। हिमाचल में ओपीएस बहाली के बाद केंद्र सरकार ने कई आर्थिक बंदिशें लगा दी हैं। इसके बावजूद हम योजना को बंद नहीं करेंगे। भविष्य में जो भी कर्मचारी सेवानिवृत्त होता जाएगा। कांग्रेस सरकार की नीति के अनुसार उन्हें पुरानी पेंशन का लाभ दिया जाएगा।

उन्होंने कहा कि भविष्य में सेवानिवृत्तियां बढ़ने पर प्रदेश के राजस्व पर और दबाव पड़ेगा। इस स्थिति से निपटने के लिए राज्य सरकार संसाधन बढ़ाने को सुधार कर रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने राजनीतिक लाभ लेने को यह फैसला नहीं लिया। अगर ऐसा करना होता तो आगामी चुनाव से छह माह पहले ओपीएस को लागू करते। सरकार ने कर्मियों को सामाजिक सुरक्षा देने का वचन निभाया है। उधर, नेता विपक्ष जयराम ठाकुर ने सवाल से जुड़ी विस्तृत जानकारी नहीं मिलने को सदन का अपमान बताया।

वीरवार को प्रश्नकाल के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने अपनी पहली कैबिनेट बैठक में लगभग 1.36 लाख सरकारी कर्मचारियों को पुरानी पेंशन देने का फैसला किया। यह फैसला लेने पर केंद्र सरकार की ओर से जो करीब 1600 करोड़ रुपये का अतिरिक्त ऋण मिलता था, वह बंद हो गया। उन्होंने कहा कि सरकार के कार्यकाल में जितने भी कर्मचारी लगे हैं और आने वाले समय में भी जो कर्मचारी लगेंगे, उन सभी को पुरानी पेंशन मिलेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने मानवीयता, संवेदनशीलता और सामाजिक सुरक्षा की दृष्टि से ओपीएस देने का फैसला लिया है। पूर्व की भाजपा सरकार ने चुनाव के वक्त जून 2022 में 5,000 करोड़ रुपये बांटे थे। हमारी सरकार ने ऐसा नहीं किया। पहली गारंटी को पहली कैबिनेट में पूरा किया।

फंड मिलते ही चुका देंगे कर्मचारियों का एरियर
मुख्यमंत्री ने बताया कि जो सरकारी कर्मचारी और अधिकारी एनपीएस से ओपीएस में शिफ्ट हुए हैं, उनका ईपीएफ के रूप में जो शेयर है, वह उनके पेंशन फंड में है। हमने बार-बार वित्त मंत्रालय को पत्र लिखा है कि हमें उस पेंशन फंड को वापस किया जाए। जिस कर्मचारी को ओपीएस का लाभ मिलेगा, उसका फंड प्रदेश के सरकारी खजाने में जमा करवाना होगा। करीब 10,000 करोड़ रुपये हमारा एनपीएस का शेयर, जो पेंशन फंड में है, उसे शेयर मार्केट में लगाया जा रहा है। अभी यह फंड नहीं मिला है। जैसे ही हमें यह फंड मिल जाएगा तो कर्मचारियों का शेष एरियर चुका दिया जाएगा। मुख्यमंत्री ने बताया कि वर्ष 2022-23 में 7,053 कर्मी ओपीएस के दायरे में में आए। वर्ष 2023-24 में 7,217 और 2024-25 में 6,698 आए। उधर, नेता विपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि मैं हैरान हूं कि मुख्यमंत्री कह रहे हैं कि हमने यह राजनैतिक लाभ के लिए नहीं किया है। यह तो कांग्रेस की पहली चुनाव गारंटी थी।
बकरियों की मौत होने पर देखेंगे, खतरनाक बीमारी तो नहीं : चंद्र
पशुपालन मंत्री चंद्र कुमार ने कहा कि बकरियों की बड़ी संख्या में हुई मौत मामले का पता किया जाएगा कि यह कोई खतरनाक बीमारी तो नहीं है। विधानसभा सदस्य केवल सिंह पठानिया ने जो जानकारी दी है, उस सूचना के आधार पर वह पशुपालन विभाग के डॉक्टरों को कहेंगे कि जहां-जहां भी इस प्रकार की घटनाएं हुई हैं, उन्हें देखें। विभाग वैक्सीनेशन और दूसरी सुविधाएं भी उन्हें उपलब्ध करवाएगा।
शून्यकाल में शाहपुर के कांग्रेस विधायक केवल सिंह पठानिया ने मामला उठाया कि डाडासीबा में रोशन लाल की 50 बकरियों की मौत हुई है। इसी तरह से ठिंगू राम भी कोटला से निकल रहा था थी, उनकी भी 22 बकरियां मरीं। वह चाहते हैं कि जिस वक्त गद्दी लोग नीचे उतरते हैं, उस वक्त इनके लिए दवाइयों का रखरखाव किया जाए। एक विशेष टीम वहां जाए, जहां-जहां भी गद्दी लोग जा रहे हैं। जिला चंबा और लाहौल के लोग इस तरफ से आते हैं, इसलिए विशेष टीम वहां जाए। इससे यह महामारी आगे नहीं बढ़ेगी।

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