महाराजा अग्रसेन विश्वविद्यालय ने प्रसिद्ध गणितज्ञ श्रीनिवास रामानुजन राष्ट्रीय गणित दिवस-2021 की जयंती मनाई।



23 jiदिसंबर, 2021: स्कूल ऑफ बेसिक एंड एप्लाइड साइंसेज, महाराजा अग्रसेन विश्वविद्यालय ने एचपी काउंसिल फॉर साइंस, टेक्नोलॉजी एंड एनवायरमेंट (हिमकोस्टई) समर्थित और राष्ट्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संचार विभाग (डीएसटी) द्वारा समर्थित और उत्प्रेरक में प्रसिद्ध गणितज्ञ श्रीनिवास रामानुजन राष्ट्रीय गणित दिवस-2021 की जयंती मनाई।
इस अवसर पर संरक्षक प्रो (डॉ) आरके गुप्ता, कुलपति, श्री सुरेश गुप्ता, सम्मानित अतिथि, रजिस्ट्रार प्रो (डॉ) विनीत मैहन, संयोजक प्रो (डॉ) संजय पंवार, निदेशक स्कूल ऑफ बेसिक एंड एप्लाइड साइंसेज, अतिथि डॉ मधुरिका, प्रोफेसर एमेरिटस (सीएसआईआर) गणित विभाग, पंजाब विश्वविद्यालय, चंडीगढ़ के विशिष्ट वक्ता श्री राकेश भाटिया जी, वैदिक गणित शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास के राष्ट्रीय सह समन्वयक निदेशक (एसबीएएस) डॉ दिनेश कुमार शर्मा आयोजन सचिव और विभिन्न स्कूलों के निदेशक, संकाय सदस्य और छात्र मौजूद थे ।

मुख्य अतिथि कुलपति प्रो.(डॉ) आरके गुप्ता ने सभी विशिष्ट अतिथि का स्वागत किया और इस दिन के बारे में बताया कि श्रीनिवास रामानुजन के कार्यो को पहचानने और मनाने के लिए देश भर में हर साल राष्ट्रीय गणित दिवस मनाया जाता है। उन्होंने छात्रों को गणित में महारत हासिल करने के लिए अबेकस कक्षाओं में छात्रों को प्रोत्साहित किया और निदेशक स्कूल ऑफ बेसिक एंड एप्लाइड साइंसेज को वैदिक मैथ पर कार्यशालाएं आयोजित करने की सलाह दी । इसके अलावा उन्होंने विभिन्न प्रतियोगिताओं के विजेताओं को बधाई दी और प्रमाण पत्र और स्मृति चिन्ह वितरित किए।
कुलाधिपति का नामांकित श्री सुरेश गुप्ता ने भी सभी विजेताओं को आशीर्वाद देते हुए कहा कि हमें अपने विषयों के विशेषज्ञों से सीखना चाहिए और अपने ईमानदार प्रयासों से खुद को साबित करना चाहिए । उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय गणित दिवस का मुख्य उद्देश्य स्कूल व कॉलेज के विद्यार्थियों में गणित व उसके अनुप्रयोगों के प्रति जागरूकता व महत्व फैलाना था।
गेस्ट ऑफ ऑनर डॉ मधुराका, प्रोफेसर एमेरिटस (सीएसआईआर) गणित विभाग, पंजाब विश्वविद्यालय, चंडीगढ़ ने कहा कि श्रीनिवास रामानुजन, जिन्हें ‘ मैन जो अनंत जानता था ‘ के रूप में भी जाना जाता है, ने गणित में कोई औपचारिक शिक्षा प्राप्त नहीं की, बल्कि गणित के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया । उन्होंने रोजमर्रा की जिंदगी में कोडिंग थ्योरी और क्रिप्टोग्राफी के महत्व और उपयोगिता पर एक भाषण दिया।
विशिष्ट वक्ता वैदिक गणित शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास नई दिल्ली के राष्ट्रीय सह समन्वयक श्री राकेश भाटिया ने वैदिक गणित के उद्भव और महत्व को समझाया।
इस कार्यक्रम के संयोजक प्रो (डॉ) संजय पंवार ने सभी अतिथियों और प्रतिभागियों का स्वागत करते हुए कहा कि गणितीय समस्या के समाधान के लिए निरंतर अभ्यास की आवश्यकता पर जोर देते हुए नए विचारों और अवधारणाओं का उपयोग कर गणितीय समस्याओं को हल करने के उद्देश्य से गणितीय प्रतिभा का गहन विश्लेषण किया गया।
विभिन्न स्कूलों और विश्वविद्यालयों के छात्र-छात्राओं ने कई प्रतियोगी स्पर्धाओं में भाग लिया । उन्होंने यह भी बताया कि कैसे उनके रास्ते में आने वाली विभिन्न समस्याओं को गणित से निपटा जा सकता है । इस मौके पर विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। कार्यक्रम गणित प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता, पोस्टर प्रस्तुति और मॉडल प्रस्तुति थे । विजेताओं को स्मृति चिन्ह दिए गए और सभी प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र वितरित किए गए।
उद्घाटन सत्र के अंत में डॉ. प्रियंका शर्मा ने धन्यवाद ज्ञापन किया और सत्र के अंत में डॉ दिनेश कुमार शर्मा आयोजन सचिव ने पूरे कार्यक्रम की संक्षिप्त रिपोर्ट पढ़ी।
 

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