BADDI : जिला पुलिस की बड़ी कामयाबी ✍️ थाना मानपुरा पुलिस द्वारा अन्तर्राज्यीय चोरी गिरोह का भंडाफोड़, ₹10 लाख के चोरीशुदा आभूषण बरामद, तीन आरोपी गिरफ्तार।

बीते 03 अक्टूबर 2025 को थाना मानपुरा के अंतर्गत गाँव ढेला निवासी कृष्ण कुमार पुत्र श्री मेझ चन्द ने शिकायत दर्ज करवाई कि रात्रि के समय अज्ञात चोरों ने उनके घर में चोरी की वारदात को अंजाम दिया है।
पुलिस को मिली शिकायत के आधार पर थाना मानपुरा में मामला दर्ज किया गया। घर से सोने और चाँदी के आभूषण चोरी हुए जिनकी अनुमानित कीमत लगभग ₹10,00,000/- है।
घटना की गंभीरता को देखते हुए पुलिस दल ने मौके का निरीक्षण किया और FSL टीम को बुलाकर भौतिक साक्ष्य एकत्रित किए। मामले की गहराई से जांच हेतु साइबर सेल एवं CCTV सेल की सहायता से एक विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया गया।
SIT द्वारा अन्तर्राज्यीय चोरी गिरोहों की गतिविधियों का विश्लेषण किया गया।
उपलब्ध तकनीकी व भौतिक साक्ष्यों के आधार पर अपराध में शामिल गिरोह की पहचान सुनिश्चित की गई।
आरोपियों की तलाश हिमाचल प्रदेश, पंजाब एवं हरियाणा के विभिन्न स्थानों पर की गई।
इस 25.10.2025 को विशेष जांच दल की मेहनत से चोरी वारदात में शामिल गिरोह के दो सदस्य गिरफ्तार किए गए:-
1. सुरज पुत्र शाम, निवासी गावं सलोई, तहसील अम्ब, जिला उना, हिमाचल प्रदेश (वर्तमान निवासी झुग्गी-झोपड़ी, चौक पोस्ट घनौली, पंजाब), आयु 32 वर्ष।
2. विजय कुमार उर्फ जाफी पुत्र शंकर दास, निवासी भरतगढ़, जिला रोपड़, पंजाब (वर्तमान निवासी झुग्गी-झोपड़ी, चौक पोस्ट घनौली, पंजाब), आयु 22 वर्ष।
आरोपियों की निशानदेही पर चोरी में प्रयुक्त दो मोटरसाइकिलें बरामद की गईं।
जांच के दौरान यह भी खुलासा हुआ कि चोरी किया गया सोना-चाँदी रोपड़ स्थित “सुशील ज्वैलर्स” दुकान पर बेचा गया था। दुकान पर दबिश देने पर लगभग ₹10 लाख मूल्य के सभी चोरीशुदा आभूषण बरामद किए गए।
दुकान मालिक दीपक कुमार पुत्र सुशील कुमार, निवासी गुगा माड़ी मोहल्ला, वार्ड संख्या 1, रूपनगर (पंजाब) को भी गिरफ्तार किया गया।
प्रारंभिक जांच में पाया गया कि गिरफ्तार दोनों आरोपी एक सक्रिय अन्तर्राज्यीय चोरी गिरोह के सदस्य हैं,
जो हिमाचल प्रदेश, पंजाब और हरियाणा में कई चोरी की वारदातों में संलिप्त रहे हैं।
तीनों राज्यों में इनके विरुद्ध कई आपराधिक मामले दर्ज हैं। गिरोह के अन्य सक्रिय सदस्यों की पहचान की जा चुकी है और उनकी गिरफ्तारी के प्रयास जारी हैं।
यह गिरोह चोरी की वारदातों के दौरान एवं भागने के लिए प्रायः नदी-नालों वाले रास्तों का उपयोग करता है, जिससे ये सीसीटीवी निगरानी से बच सकें।।

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