# CM सुक्खू का पजामा खींचते थे सहपाठी #छोटा शिमला स्कूल के एनुअल फंक्शन में दोस्तों ने पुरानी यादें की ताजा # बोले- काफी शरारत थे सुक्खू​​​​​​​ |

खबर अभी अभी ब्यूरो सोलन

28 फरवरी 2023

हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू बचपन में काफी शरारती थे। यह बात मंगलवार को एक्सीलेंस स्कूल छोटा शिमला के एनुअल फंक्शन में CM सुक्खू के सहपाठियों ने कही। उनके सहपाठी कमल ने कहा कि वह स्कूल में सुखविंदर सुक्खू का पजामा-पेंट खींच लिया करते थे। एक बार पजामा खींचते हुए जब बहनजी (मेडम) ने देख लिया तो उन्हें पनिशमेंट मिली।

दूसरे सहपाठी हिमेश शर्मा ने कहा कि एक बार वह तत्तापानी गए ​​​​​और सुखविंदर सुक्खू जबरदस्ती ​सतलुज में नहाने के लिए कूदे और उनका पांव फिसल गया। इससे वह पानी के बहाल की चपेट में आ गए। तब एक दोस्त ने उन्हें बचाया। निर्मल कुमार ठाकुर ने कहा कि तत्तापानी हादसे के बाद स्कूल में सुखविंदर सुक्खू की रोजाना एक महीने तक मॉर्निंग असेंबली में पिटाई होती रही। वह काफी शरारती मिजाज के थे।

मुख्यमंत्री ने खुद भी अपने भाषण में इस बात को याद करते हुए कहा कि वह सुन्नी स्कूल में भाषण प्रतियोगिता में शामिल होने गए थे, लेकिन वहां से वह तत्तापानी भाग गए। इस वजह से उनकी स्कूल में पिटाई भी हुई।

एक्सीलेंस स्कूल छोटा शिमला में मुख्यमंत्री के स्वागत के लिए खड़े शिक्षा मंत्री व अन्य

मुख्यमंत्री के दोस्त ने बताया कि एक बार वह लोग फिल्म देखने के लिए बस में जा रहे थे, तो सुखविंदर सुक्खू ने ड्राइवर को बोल दिया कि उस्ताद जी, जल्दी-जल्दी चलो। सुक्खू को यह मालूम नहीं था कि बस को उनके पिता ही चला रहा हैं। पिता ने बस में लगे शीशे में देख लिया था और शाम को घर पहुंचने पर सुक्खू की पिटाई हो गई। यह किस्सा सुक्खू की बहन संजुक्ता ठाकुर ने भी स्कूल में आयोजित कार्यक्रम में शेयर किया।

गौरतलब है कि मंगलवार को सचिवालय से करीब 600 मीटर की दूरी पर स्थित छोटा शिमला स्कूल का एनुअल फंक्शन था। मुख्यमंत्री सुक्खू ने इसी स्कूल से पहली से 10वीं कक्षा तक की पढ़ाई की, आज वह इसी पाठशाला में चीफ गेस्ट बनकर पहुंचे।

इस दौरान स्कूल प्रबंधन ने सुक्खू के टीचर और क्लास-मेट को भी बुला रखा था। मुख्यमंत्री ने भी छोटा शिमला स्कूल पहुंचकर अपनी पुरानी यादों को ताजा किया। इससे पहले उन्होंने स्कूल के मेधावी छात्रों व पुराने शिक्षकों को भी सम्मानित किया।

छोटा शिमला स्कूल में बच्चों को सम्मानित करने के लिए मंच पर मुख्यमंत्री और अन्य

मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा कि सरकारी स्कूल में टीचर क्वालिफाइड होते हैं। दूसरे स्कूलों में भी होते हैं, लेकिन अब विडंबना यह हो गई कि इंग्लिश स्कूल में पढ़ना है। इसे देखते हुए राजीव गांधी डे बोर्डिंग स्कूल हम शुरू कर रहे हैं, ताकि सरकारी स्कूलों में भी बच्चों को बेहतर शिक्षा मिल सके।

उन्होंने कहा कि अब तो स्कूल का नक्शा बदल गया है। जब वह यहां पढ़ते थे तब तो स्कूल काफी पुराना था। सुक्खू ने कहा कि वह खुद गवर्मेंट स्कूल से पढ़े हूं। इसलिए वह यहां आए है। जब उन्हें बुलाने टीचर आए तो उन्होंने ‌उसी वक्त फंक्शन में आने को हां कह दिया।

मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा कि सरकारी स्कूल के बच्चों को कभी कुंठा नहीं होनी चाहिए कि वह गवर्मेंट स्कूल से पढ़े हैं। जीवन में आगे बढ़ने के लिए मन में विश्वास होना चाहिए।

छोटा शिमला स्कूल के एनुअल फंक्शन में प्रस्तुति देते हुए स्टूडेंट

मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा कि स्कूल के साथ सेब का बगीचा हुआ करता था। वह लंच टाइम में इससे सेब चुराया करते थे और स्कूल से कई बार बंक मारा करते थे।

उन्होंने कहा कि 1977 में प्रदेश में शांता कुमार सरकार में हड़ताल हुई तो सभी शिक्षण संस्थान भी बंद हो गए। उन्होंने भी अपने स्कूल में स्ट्राइक करवा दी। वह भी नारे लगाने चले गए। तब हमे स्कूल से निकाल दिया गया। फिर माता-पिता को लाना पड़ा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि छोटा शिमला स्कूल के सभी कमरों को स्मार्ट क्लास-रूम में बदला जाएगा। उन्होंने स्कूल के लिए 2 लाख रुपए देने, डिजिटल लाइब्रेरी बनाने, डिजीटल ऑफिस, बच्चों की एडमिशन भी ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरह से करने की घोषणा की होगी। उन्होंने कहा कि स्मार्ट क्लास-रूम बनाने पर 50 लाख रुपए खर्च होंगे।

मुख्यमंत्री सुक्खू ने कार्यक्रम में पहुंचते ही सिटिंग प्लान चेंज कराया। उन्होंने स्टेज के सामने की रो पर दरिया बिछाकर बच्चों को आगे लाया, क्योंकि ज्यादातर बच्चे कार्यक्रम में भीड़ के कारण हाल से बाहर रह गए थे।

छोटा शिमला स्कूल के कार्यक्रम में मुख्यमंत्री के अलावा शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर, शिमला शहरी से विधायक हरीश जनारथा, शिक्षा सचिव डॉ. अभिषेक जैन इत्यादि भी मौजूद रहे।

खबर अभी अभी ब्यूरो सोलन

Share the news