
खबर अभी अभी ब्यूरो
हिमाचल प्रदेश में मंदिरों का पैसा सरकारी योजनाओं पर खर्च करने पर सियासी घमासान छिड़ गया है। प्रदेश में पूर्व बीजेपी सरकार भी मंदिरों का पैसा गौशालाओं के लिए मांग चुकी है। यह दावा कांग्रेस सरकार ने किया है।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू कार्यालय ने 29 अगस्त 2018 का पूर्व भाजपा सरकार का एक पत्र मीडिया को शेयर किया, जिसमें मंदिरों का 15 प्रतिशत बजट एनजीओ द्वारा संचालित
गोशालाओं को देने की बात कही गई थी।
इससे पहले नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कांग्रेस को सनातन विरोधी बताते हुए मंदिरों का पैसा ‘सुख शिक्षा योजना’ और ‘मुख्यमंत्री सुखाश्रय योजना’ पर खर्च करने का आरोप लगाया था। इसके बाद हिमाचल की कांग्रेस सरकार की देशभर में किरकिरी भी हुई और बीजेपी ने आक्रामक ढंग से सुक्खू सरकार को घेरा।
कांग्रेस MLA सुरेश कुमार ने कहा कि मंदिरों का पैसा लुटाने की प्रथा पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने शुरू की। जयराम ठाकुर अब किस मुंह से यह ढिंढोरा पीट रहे हैं कि मंदिरों का पैसा सरकार सरकारी योजनाओं में खर्च कर रही है। उन्होंने कहा, जयराम पहले ऐसे मुख्यमंत्री रहे हैं, जिनके समय प्रदेश की संपदा को कौड़ियों के भाव लुटा दिया गया।
मुख्यमंत्री ने कहा, डबल इंजन की सरकार कहने वालों ने जमकर कर्ज लिया। अब उसी कर्ज और उसके ब्याज को चुकाने के लिए कांग्रेस सरकार को कर्ज लेना पड़ रहा है। उन्होंने कहा, जनता का विश्वास खो चुकी भाजपा कांग्रेस सरकार के खिलाफ आए दिन नए षड्यंत्र रच रची है।
सरकार ने दोनों योजनाओं के लिए बजट का प्रावधान किया-सरकार ने दोनों योजनाओं के लिए बजट का प्रावधान किया-MLA
सुरेश कुमार ने कहा कि भाजपा को पता होना चाहिए कि सरकार बजट से चलती है। कांग्रेस सरकार ने 5 हजार 500 करोड़ रुपए का बजट पास कर रखा है। उसी में ही ‘सुख शिक्षा योजना’ और ‘मुख्यमंत्री सुखाश्रय योजना’ के लिए बजट का प्रावधान किया गया है।





