

मंडी, 15 जनवरी। वन संरक्षण अधिनियम(एफसीए) के अन्तर्गत लम्बित फारेस्ट क्लीयरेंस के 81 मामलों की आज उपायुक्त मंडी अपूर्व देवगन की अध्यक्षता में आयोजित मासिक समीक्षा बैठक में समीक्षा की गई। वन वृत मंडी में 2022 से लेकर अब तक परिवेश 2.0 में 19 मामले, 2012 से लेकर 2022 तक के परिवेश 1.0 में 53 मामले और कोर्ट परिसरों के निर्माण के 9 मामले फारेस्ट क्लीयरेंस के लिए दर्ज हैं। फारेस्ट क्लीयरेंस होने पर ही इन योजनाओं का निर्माण प्रसस्त हो सकेगा।
उपायुक्त ने बैठक में एफसीए के लंबित मामलों की यूजर एजेंसियों के साथ एक-एक मामले की समीक्षा की और मामला लंबित होने के कारणों की पूरी जानकारी ली। उन्होंने लंबित मामलों का जल्द से जल्द निपटारा करने की सख्त चेतावनी देते हुए अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जिम्मेदारी से कार्य ने करने वाले अधिकारियों की कार्यप्रणाली को उनके उच्च अधिकारियों से अवगत करवाया जाएगा।
उपायुक्त ने इस अवसर पर बताया कि मंडी वन वृत में पिछले एक वर्ष के दौरान एफआरए के 132 मामलों में से 121 मामलों को स्वीकृत कर दिया है



