बाहरा विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ लॉ में “जीएसटी के कानूनी प्रभाव: विकास, प्रभाव और भविष्य की संभावनाएं” विषय पर विशेषज्ञ व्याख्यान आयोजित

 

बाहरा विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ लॉ द्वारा “जीएसटी के कानूनी प्रभाव: विकास, प्रभाव और भविष्य की संभावनाएं” विषय पर एक विशेषज्ञ व्याख्यान का आयोजन किया गया। इस सत्र में माल और सेवा कर (GST) की जटिलताओं, इसके कानूनी ढांचे और आर्थिक प्रभावों पर गहन चर्चा की गई।

इस कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में सुश्री पूनम ठाकुर (HPRS) सहायक आयुक्त, राज्य कर एवं उत्पाद शुल्क, जीएसटी प्रवर्तन एवं नोडल अधिकारी जिला शिमला उपस्थित रहीं। उन्होंने अपने व्यापक अनुभव के आधार पर जीएसटी के कानूनी ढांचे, प्रवर्तन तंत्र और इसके भविष्य पर विस्तार से प्रकाश डाला। साथ ही उन्होंने जीएसटी के कार्यान्वयन से जुड़े अवसरों और चुनौतियों पर चर्चा की, विशेष रूप से इसका व्यवसायों और कानूनी पेशेवरों पर पड़ने वाले प्रभाव को रेखांकित किया।

कार्यक्रम की शुरुआत प्रो. अखिलेश रणौत, डीन स्कूल ऑफ लॉ द्वारा स्वागत भाषण के साथ हुई, जिसमें उन्होंने भारत की आर्थिक और कानूनी संरचना में जीएसटी की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला। सत्र के दौरान शिक्षकों और छात्रों ने सक्रिय रूप से भाग लिया और कर कानूनों, अनुपालन तंत्र और हालिया संशोधनों से जुड़े कई ज्वलंत प्रश्न पूछे, जिनका समाधान विशेषज्ञ द्वारा किया गया।

बाहरा विश्वविद्यालय के चेयरमैन गुरविंदर सिंह बाहरा ने मुख्य वक्ता को उनके ज्ञानवर्धक व्याख्यान के लिए धन्यवाद दिया और छात्रों की कानूनी समझ को विकसित करने में ऐसे विशेषज्ञ सत्रों की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित किया। वहीं विनीत कुमार रजिस्ट्रार बाहरा विश्वविद्यालय ने औद्योगिक ज्ञान को शैक्षणिक शिक्षा से जोड़ने के महत्व पर बल दिया।

कार्यक्रम का समापन डॉ. मंदीप वर्मा द्वारा धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ, जिसमें उन्होंने इस व्याख्यान को कर कानूनों की गहरी समझ विकसित करने और छात्रों को व्यावहारिक ज्ञान से जोड़ने में अत्यंत लाभदायक बताया।

यह आयोजन बाहरा विश्वविद्यालय की व्यावहारिक कानूनी शिक्षा को बढ़ावा देने और छात्रों को कर एवं कॉरपोरेट कानून में विशेषज्ञता प्रदान करने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

 

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