
बिजनेस डेस्कः मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज ऑफ इंडिया (MCX) ने मंगलवार को सोना और चांदी के फ्यूचर्स कॉन्ट्रैक्ट्स पर मार्जिन बढ़ाने का निर्णय लिया है। अब सिल्वर पर मार्जिन 1.5% बढ़कर 11.5% और गोल्ड पर 1% बढ़कर 7% कर दिया गया है। यह कदम हाल के दिनों में चांदी की कीमतों में आई भारी अस्थिरता को देखते हुए रिस्क मैनेजमेंट के तहत उठाया गया है।
इसका मतलब क्या है?
यह बदलाव निवेशकों और ट्रेडर्स के लिए है, न कि रिटेल खरीदारों के लिए। MCX ने अपने सर्कुलर में कहा है कि 14 अक्टूबर 2025 से गोल्ड और सिल्वर के सभी वेरिएंट्स पर नया मार्जिन स्ट्रक्चर लागू होगा।
आसान भाषा में समझें तो, मार्जिन बढ़ाना मतलब है कि अब ट्रेडर्स को ज्यादा पूंजी रिजर्व में रखनी होगी, ताकि अचानक बाजार में गिरावट या तेज वोलैटिलिटी के दौरान नुकसान सीमित रह सके। जो लोग उच्च लीवरेज या बड़े कॉन्ट्रैक्ट्स (जैसे 30 किलो सिल्वर) में ट्रेड करते हैं, उनके लिए यह नियम चुनौती बन सकता है। संभावना है कि अब छोटे कॉन्ट्रैक्ट्स (1 किलो या 10 ग्राम वेरिएंट) की मांग बढ़े, क्योंकि वे अपेक्षाकृत कम जोखिम वाले हैं।
ग्लोबल मार्केट में Backwardation का असर
MCX ने बताया कि वैश्विक बाजार में सिल्वर की कमी के चलते फ्यूचर्स और स्पॉट प्राइस में Backwardation की स्थिति बनी है यानी स्पॉट कीमत फ्यूचर्स से ज्यादा हो गई है। भारत में भी यही रुझान देखने को मिल रहा है, क्योंकि यहां MCX के दाम अंतरराष्ट्रीय कीमतों, करेंसी कन्वर्ज़न, कस्टम ड्यूटी और लोकल डिमांड को ध्यान में रखकर तय किए जाते हैं।





