

महाकुंभ छोड़ने का भी किया ऐलान, इस संत पर लगाए गंभीर आरोप
महाकुंभ यूपी के प्रयागराज महाकुंभ के कई संत, साध्वी इस समय अपने अलग-अलग कारणों और विशेषताओं के कारण सुर्खियों में अभी तक बने रहे हैं. उत्तराखंड से हर्षा रिछारिया नामक कथित साध्वी भी सोशल मीडिया पर खूब वायरल एवं सुर्खियां बटोरती हुई नजर आई है . लेकिन अब उन्होंने एक चौंकाने वाला फैसला भी ले लिया है
हर्षा रिछारिया का नया वीडियो आया सामने
हर्षा रिछारिया की तस्वीरों और वीडियो से पूरा सोशल मीडिया फैन हो गया था और गूगल पर हर्षा रिछारिया का नाम सर्च करते ही उनसे जुड़ी सैकड़ों खबरों की लिंक आ जा ररे है. लेकिन इन तमाम लोकप्रियता के बीच अब हर्षा रिछारिया का ऐसा वीडियो सामने आया है, जिससे उन्हें चाहने वाले लोगों को बड़ा झटका लगा है.
हर्षा रिछारिया ने महाकुंभ छोड़ने का किया ऐलान
खुद को निरंजनी अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी श्री कैलाशानंदगिरि जी महाराज की शिष्या बताने वाली हर्षा रिछारिया महाकुंभ छोड़ने वाली हैं. उन्होंने खुद के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक वीडियो शेयर किया है. जिसमें हर्षा ने एक संत पर गंभीर आरोप लगाते हुए महाकुंभ छोड़ने की बात कही.
महाकुंभ में हर रोज लाखों लोग आस्था की डूबकी लगा रहे हैं. इसमें देश भर से साधु-संत भी पहुंचे हैं. अलग-अलग अखाड़ों के संत अपने-अपने शिष्यों के साथ महाकुंभ में डेरा डाले हुए हैं. प्रयागराज में संतों और भक्तों का सैलाब उमड़ा है. इस महाकुंभ से कई संत अपनी अलग-अलग विशेषताओं के कारण चर्चाओं के केंद्र में बने हैं. बात चाहे आईआईटीयन बाबा की हो या सबसे सुंदर साध्वी कहीं जाने वाली हर्षा रिछारिया की.
नाम हर्षा रिछारिया… 30 साल की इस युवती ने महाकुंभ में जितनी सुर्खियां बटोरी हैं, शायद ही कोई इतना इस बार के महाकुंभ में चर्चा में रहा होगा. (Harsha Richhariya News) का टैग तक मिल गया. सोशल मीडिया पर चहुंओर सिर्फ और सिर्फ हर्षा की ही बात होने लगी. लोग उनके बारे में जानने की कोशिश करने लगा.
किन लोगों ने जताई आपत्ति
दरअसल, जब हर्षा का रथ पर बैठने वाला वीडियो सामने आया तो कई संत से लेकर अन्य लोग उन्हें ट्रोल करने लगे. हर्षा आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी श्री कैलाशनंदगिरी जी महाराज की शिष्या हैं. वह महाकुंभ में निरंजनी अखाड़े से जुड़ी हैं. सबसे पहले ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि महाकुंभ में इस तरह की परंपरा शुरू करना पूरी तरह गलत है. यह विकृत मानसिकता का नतीजा है. महाकुंभ में चेहरे की सुंदरता नहीं बल्कि हृदय की सुंदरता देख जाना चाहिए था.
उन्होंने कहा कि जो अभी यह नहीं तय कर पाया है कि संन्यास की दीक्षा लेनी है या शादी करनी है, उसे संत महात्माओं के शाही रथ पर जगह दिया जाना उचित नहीं है. श्रद्धालु के तौर पर शामिल होती तब भी ठीक था, लेकिन भगवा कपड़े में शाही रथ पर बिठाना पूरी तरह गलत है.
इसके बाद शांभवी पीठाधीश्वर स्वामी आनंद स्वरूप महाराज ने कहा कि यह बिल्कुल भी उचित नहीं है. इससे समाज में गलत संदेश फैलता है. काली सेना के प्रमुख स्वामी आनंद स्वरूप ने उनके आचरण पर आपत्ति जताते हुए कहा कि कुंभ का आयोजन ज्ञान और आध्यात्मिकता फैलाने के लिए किया जाता है. कहा- इसे मॉडलों द्वारा प्रचार कार्यक्रम के रूप में इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए.
महंत रवींद्र पुरी ने किया बचाव
हालांकि, अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी ने इस मुद्दे को ज्यादा तवज्जो न देते हुए कहा कि भगवा कपड़े पहनना कोई अपराध नहीं है और युवती ने निरंजनी अखाड़े के एक महामंडलेश्वर से मंत्र दीक्षा ली थी. उन्होंने हर्षा का बचाव किया और कहा- रिछारिया को लेकर कहा कि वह निरंजनी अखाड़े के एक महामंडलेश्वर से दीक्षा लेने आई थीं. वह एक मॉडल हैं और सोशल मीडिया पर छाई रहती हैं. उन्होंने रामनामी कपड़ा पहना हुआ था. हमारी परंपरा है कि जब भी सनातन का कोई कार्यक्रम होता है, तो हमारे युवा भगवा कपड़े पहनते हैं. यह कोई अपराध नहीं है.
‘गुरु की बेइज्जती बर्दाश्त नहीं’
हर्षा को सोशल मीडिया पर भी इसे लेकर जमकर ट्रोल किया जाने लगा. जिसके बाद हर्षा ने आखिरकार कुंभ से वापस जाने का ऐलान कर दिया है. उन्होंने कहा कि मैं अगले 3 दिन में महाकुंभ से उत्तराखंड जा रही हूं. क्योंकि बात अब मेरे गुरु तक आ गई है. मैं अपने गुरु की बेइज्जती बर्दाश्त नहीं कर सकती हूं. मैं एक्टर और एंकर रह चुकी हूं, लेकिन मुझे मॉडल के रूप में पेश किया जा रहा है, जो गलत है.



