
हिमाचल प्रदेश सरकार की ओर से जिन स्वास्थ्य केंद्रों में डाॅक्टरों को तैनाती दी गई है, उन्हें वहीं सेवाएं देनी होंगी। स्वास्थ्य विभाग की ओर से तबादले के नोट पर विचार नहीं होगा। प्रदेश सरकार ने हाल ही में लोक सेवा आयोग के माध्यम से 200 डाॅक्टरों की भर्ती की है। इसमें से कई डाॅक्टरों ने ड्यूटी ज्वाइन नहीं की है। की डाॅक्टर नेताओं के नोट लगाकर नजदीकी स्वास्थ्य संस्थानों में सेवाएं देने के जुगत भिड़ा रहे हैं। प्रदेश सरकार की ओर से स्वास्थ्य संस्थानों में 200 और डाॅक्टरों की भर्ती की जा रही है।
हिमाचल में स्वास्थ्य के आधारभूत ढांचे को मजबूत करने के लिए सरकार रिक्त पदों को भर रही है। अधिकांश डाॅक्टरों की तैनाती आदर्श स्वास्थ्य संस्थानों में की गई है। प्रदेश सरकार आदर्श अस्पतालों में मरीजों को हर सुविधा देने पर जोर दे रही है। सीटी स्कैन, डिजिटल एक्सरे के अलावा कुछ चुनिंदा संस्थानों में पीपीपी मोड पर एमआरआई मशीनें स्थापित की जा रही हैं। पहले चरण में 44, दूसरे चरण में 15 संस्थानों को आदर्श अस्पताल बनाया जा रहा है।
प्रदेश सरकार की ओर हर विधानसभा क्षेत्रों में इन आदर्श अस्पतालों को खोला जाना है। इन अस्पतालों में छह विशेषज्ञ चिकित्सकों की तैनाती की जा रही है। 20 के करीब संस्थानों में 6 स्पेशलिस्ट डॉक्टर तैनात किए गए हैं, जबकि कुछेक में अभी 4 स्पेशलिस्ट डाॅक्टरों की तैनाती की गई है। सरकार ने फैसला लिया है कि जिन डाॅक्टरों की तैनाती जहां की है, उन्हें वहीं सेवाएं देनी होंगी। ऐसा न करने पर कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। स्वास्थ्य सचिव एम सुधा ने कहा कि जहां डाॅक्टरों की कमी है, वहां उनकी तैनाती की जा रही है।





