
Himachal : प्रदेश सरकार ने लोक निर्माण विभाग को 15 दिन के भीतर सभी सड़कें बहाल करने के निर्देश दिए हैं। हिमाचल प्रदेश से मानसून विदा हो गया है। ऐसे में सड़कों को युद्ध स्तर पर खोलने को कहा गया है। प्रदेश में 300 के करीब छोटी-बड़ी सड़कें यातायात के लिए अभी भी बाधित हैं। प्राकृतिक आपदा के चलते सड़कों पर जगह-जगह भू स्खलन हुआ है। कई स्थानों पर पहाड़ियां दरक कर मलबा सड़क को नुकसान पहुंचाने के बाद नदी-नालों में पहुंच गया है। सरकार ने लोक निर्माण विभाग को ऑनलाइन व ऑफलाइन टेंडर करने के निर्देश दिए हैं। चंबा, सिरमौर, लाहौल स्पीति, कुल्लू, शिमला, मंडी में सड़कों को भारी नुकसान हुआ है।इसके साथ ही सरकार ने लोक निर्माण विभाग को सड़कों के कार्यों में गुणवत्ता बनाए रखने के निर्देश दिए हैं। निर्माण कार्य के दौरान इंजीनियरों को मौके पर रहना होगा। कार्यों में कोताही बरतने पर ठेकेदार और इंजीनियर पर कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। मलबे को डपिंंग साइट पर ही डंप करने को कहा गया है। अगर सड़क के डंगे एक साल के भीतर उखड़ जाते हैं तो इसके लिए इंजीनियरों की जवाबदेही होगी। जरूरत पड़ने पर उन्हें चार्जशीट भी किया जाएगा। लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि प्रदेश सरकार सड़कों को बहाल करने के लिए युद्ध स्तर पर कार्य कर रही है।
परिवहन निगम की 50 बसें फंसी
खासकर सेब बहुल इलाकों में कई सड़कें बंद हैं। उनको खोलने के लिए इंजीनियर तैनात किए गए हैं। 500 मशीनें सड़कों को बहाल करने में लगाई गई हैं। सड़कें बंद होने के चलते एचआरटीसी की 50 बसें एक महीने से कई जगह फंसी हैं। इन बसों को निकालने के लिए लोक निर्माण विभाग के कर्मचारी सड़कों से मलबा हटाने में जुटे हैं।





