Himachal News : मुख्य सचिव पद के लिए केके पंत प्रबल दावेदार, संजय गुप्ता पर भी हो सकता है विचार

मुख्य सचिव पद के लिए अतिरिक्त मुख्य सचिव केके पंत प्रबल दावेदार हो गए हैं। इस पद के लिए संजय गुप्ता के नाम पर भी विचार हो सकता है। एक विवाद के बाद कुछ समय पहले अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह के पद से हटाकर अवकाश पर भेजे गए आईएएस अधिकारी ओंकार शर्मा की दावेदारी अब कमजोर मानी जा रही है, जबकि इससे पहले तक वह इस कुर्सी के बहुत नजदीक माने जाते रहे हैं। केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर चल रही अनुराधा ठाकुर के भी वापस हिमाचल आने के आसार बहुत कम हैं। लंदन से लौटने के बाद मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू इस पर फैसला लेंगे।

सरल स्वभाव के माने जाने वाले कमलेश कुमार पंत मुख्य सचिव पद के लिए प्रबल दावेदार हैं। वह 1993 बैच के अधिकारी हैं। सीएस पद की रेस में अभी तक वह सबसे आगे हैं। हालांकि, वरिष्ठता के हिसाब से सीएस की कुर्सी के लिए संजय गुप्ता की दावेदारी सबसे मजबूत है। पुराने विवादों की बात कर संजय गुप्ता की दावेदारी को कमजोर करने में उनके विरोधी कामयाब रहे।
हिमाचल प्रदेश की सिविल लिस्ट के अनुसार संजय गुप्ता वरिष्ठम अधिकारी हैं, वह 1988 बैच के हैं। वह हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड लिमिटेड के प्रबंध निदेशक हैं। जयराम सरकार के समय से ही मुख्य सचिव बनाए गए आईएएस अधिकारी आरडी धीमान से वह वरिष्ठ थे। हालांकि आरडी धीमान भी 1988 बैच के थे। धीमान सेवानिवृत्त हुए तो 1990 बैच के आईएएस अधिकारी प्रबोध सक्सेना मुख्य सचिव बनाए गए। सक्सेना को सुक्खू सरकार ने 31 दिसंबर 2022 को मुख्य सचिव की नियुक्ति दी। यानी यहां भी संजय गुप्ता सीएस के पद से वंचित किए गए।
सूत्रों के अनुसार संजय गुप्ता की दावेदारी इस बार पहले से अधिक प्रबल है। अगर संजय गुप्ता या केके पंत को मुख्य सचिव बनाया जाता है तो वरिष्ठता में 1994 बैच की आईएएस अधिकारी अनुराधा ठाकुर आगे हैं। हालांकि वह केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर महत्वपूर्ण जिम्मेवारी निभा रही हैं और उनके हिमाचल आने की संभावना बहुत कम है। उनके बाद 1994 बैच के आईएएस अधिकारी ओंकार शर्मा की दावेदारी उनके अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह और राजस्व के पद से हटने से ही कमजोर पड़ गई।

मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू 28 या 29 सितंबर को शिमला पहुंचेंगे तो वह मुख्य सचिव के पद फैसला लेंगे। प्रबोध सक्सेना छह महीने के सेवा विस्तार के बाद 30 सितंबर को सेवानिवृत्त हो रहे हैं। उनके सेवा विस्तार के कानूनी विवाद में उलझने के बाद संभवतया उन्हें फिर से सेवा विस्तार मिलने के आसार कम लग रहे हैं।

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