Himachal News: जंगल की जमीन के अंदर निजी भूमि के मुद्दे पर जनहित याचिका दायर, सरकार को नोटिस

हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट में जंगल के भीतर निजी भूमि के मुद्दे को लेकर एक जनहित याचिका दायर की गई है। खंडपीठ ने इस मामले में संज्ञान लेते हुए राज्य और केंद्र सरकार को नोटिस जारी किए हैं। इस जनहित याचिका में हाईकोर्ट में पहले से दायर जंगल में आग के मुद्दे से संबंधित एक रिट याचिका में पारित 28 अगस्त के आदेशों का हवाला दिया गया है, जिसमें बताया गया है कि हिमाचल प्रदेश राज्य में वन भूमि के भीतर निजी भूमि के कुछ हिस्से मौजूद हैं।

आदेश में कहा गया था कि यह स्थिति केवल हिमाचल प्रदेश तक ही सीमित नहीं है, बल्कि यह एक राष्ट्रीय घटना है। मुख्य न्यायाधीश गुरमीत सिंह संधावालिया और न्यायाधीश जियालाल भारद्वाज की खंडपीठ ने कहा कि इस मुद्दे पर संघ और राज्य दोनों स्तरों पर एक व्यापक नीतिगत दृष्टिकोण की आवश्यकता है, जिसके तहत जंगलों के भीतर स्थित भूमि का आदान-प्रदान किया जा सके और निजी भू-मालिकों को आवश्यक अनुमतियों के साथ वन भूमि के किनारे पर स्थानांतरित किया जा सके।

जनहित याचिका में बताया गया है कि निजी भू-मालिकों ने धीरे-धीरे जंगल की जमीन पर अतिक्रमण करना और उसे अपने उपयोग के लिए इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है। इसके कारण, ऐसी वन भूमि का रखरखाव बुरी तरह प्रभावित हो रहा है और वन विभाग के लिए भी इसका प्रबंधन करना मुश्किल हो गया है। न्यायालय का मानना है कि यह कदम संघ, राज्य, हरित आवरण और निजी भू-मालिकों के हितों को संतुलित करेगा और भूमि जोत के समेकन के सिद्धांतों के अनुरूप होगा।

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