
हिमाचल सरकार स्विट्जरलैंड की तर्ज पर प्रदेश में टेंडम पैराग्लाइडिंग को बढ़ावा देगी। इसके लिए नई पैराग्लाइडिंग साइटों का चयन किया जा रहा है। इससे स्वरोजगार मिलने के साथ ही पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा।
साहसिक पर्यटन के लिए आने वाले सैलानियों के लिए सरकार ने शिमला जिले में तीन नई पैराग्लाइडिंग साइटें अधिसूचित की हैं। इसी तर्ज पर अन्य जिलों में भी पैराग्लाइडिंग के लिए उपयुक्त स्थल तलाशे जाएंगे। पर्यटन विभाग युवाओं को बीड़ बिलिंग और मनाली स्थित मान्यता प्राप्त एरो स्पोर्ट्स संस्थानों से पैराग्लाइडिंग का कोर्स करवाएगा। स्वरोजगार के तहत युवाओं को पैराग्लाइडिंग के लिए आवश्यक उपकरणों पर अनुदान भी दिया जाएगा।
पर्यटन विभाग ने शिमला के जुन्गा, नंगलदेवी, गड़ाकुफ्फर और देवीधार में पैराग्लाइडिंग के सफल ट्रॉयल करने के बाद जुन्गा, नंगलदेवी और देवीधार पैराग्लाइडिंग साइट अधिसूचित कर दी हैं। जुन्गा में पैराग्लाइडिंग फ्लाइंग फेस्टिवल का भी सफल आयोजन हो चुका है। ऑपरेटर लाइसेंस आवेदक एक्सप्लोर एक्सपर्ट एडवेंचर कुफरी के संचालक काकू ठाकुर ने बताया कि पैराग्लाइडिंग शुरू होने के बाद पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। यहां टेंडम फ्लाइट होगी। इसमें टूरिस्ट प्रशिक्षित पायलट के साथ पैराग्लाइडर पर उड़ान भर सकेंगे। पायलट टेकऑफ, उड़ान और लैंडिंग को नियंत्रित करेगा और यात्री सिर्फ हवा में उड़ने का आनंद लेगा। गड़ाकुफ्फर में वन विभाग से अनापत्ति प्रमाण पत्र मिलने के बाद साइट अधिसूचित करने की तैयारी है।
जिला पर्यटन विकास अधिकारी शिमला जगदीश शर्मा ने बताया कि तीन नई पैराग्लाइडिंग साइटें अधिसूचित कर दी गई हैं। युवाओं को मान्यता प्राप्त संस्थानों से पैराग्लाइडर उड़ाने का कोर्स करवाया जाएगा। उपकरण खरीदने के लिए अनुदान उपलब्ध करवाने का भी प्रयास किया जाएगा।
करीब पांच लाख रुपये में आते हैं उपकरण
अंतरराष्ट्रीय मानकों पर तैयार यूरोपियन मेड पैराग्लाइडर और अन्य सहयोगी उपकरणों की बाजार में करीब 5 लाख रुपये कीमत है। सरकार स्वरोजगार के लिए प्रशिक्षण देने वाले विभागों के माध्यम से पैराग्लाइडर खरीदने पर 20 फीसदी (एक लाख) तक अनुदान देने की भी योजना बना रही है।





