
हिमाचल प्रदेश से मानसून विदा होते ही पारा चढ़ना शुरू हो गया है। धूप खिलने से पहाड़ तपने लगे हैं। गुरुवार को ऊना में अधिकतम तापमान 36 डिग्री रिकॉर्ड हुआ। आज भी राजधानी शिमला व अन्य भागों में धूप खिली हुई है। माैसम विज्ञान केंद्र शिमला के अनुसार राज्य के सभी भागों में 2 अक्तूबर तक माैसम साफ बना रहने का पूर्वानुमान जताया है। अगले 2 दिनों के दौरान हिमाचल प्रदेश के शेष हिस्सों से दक्षिण-पश्चिम मानसून की वापसी के लिए परिस्थितियां अनुकूल हैं। मानसून की वापसी की रेखा रामपुर बुशहर व अन्य क्षेत्रों से होकर गुजर रही है।
मानसून में हुआ 5 हजार करोड़ का नुकसान
अमर उजाला ब्यूरो, शिमला। राजस्व, बागवानी एवं जनजातीय विकास मंत्री जगत सिंह नेगी ने कहा कि इस मानसून सीजन के दौरान राज्य को 5 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का नुकसान का आकलन किया गया है जिसमें सरकारी व गैर-सरकारी संपत्ति शामिल है। सड़क मार्गों, कृषि आर बागवानी भूमि को बहुत ज्यादा नुकसान हुआ है। उन्होंने कहा कि 2023 में भी आपदा के लिए केंद्र से पर्याप्त राशि नहीं मिली जबकि प्रदेश सरकार ने अपने संसाधनों से 500 करोड़ रुपये की राहत प्रदान की। भाजपा नेता लोगों को गुमराह कर रहे हैं कि केंद्र सरकार ने प्रदेश को करोड़ों रुपये की आर्थिक मदद जारी की है।
427 लोगों ने जान गंवाई
प्रदेश में 20 जून से 19 सिंतबर, 2025 तक 427 लोगों ने जान गंवाई है। 651 पक्के घर, 1012 कच्चे घर पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हुए हैं जबकि 2287 पक्के और 4908 कच्चे घर आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुए हैं। 584 दुकानों व फैक्टरियों, 58 लेबर शेड, 7048 गोशालाओं और 104 घराट व श्मशान घाट क्षतिग्रस्त हुए हैं। जगत सिंह नेगी ने कहा कि जिनके मकान ध्वस्त हुए है उन्हें 7 लाख रुपये का अनुदान दिया जा रहा है। केंद्र सिर्फ 1.30 लाख रुपये देता है।





