
प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना (पीएमजीएसवाई) के तहत हिमाचल की हर बस्ती 2029 तक सड़क सुविधा से जुड़ जाएगी। केंद्र सरकार की इस योजना का चरण-4 आगामी चार वर्षों तक चलेगा। अभी हिमाचल की ढाई सौ की आबादी वाली बस्तियों को सड़क सुविधा से जोड़ा जा रहा है। इसके बाद इससे कम संख्या वाली बस्तियों को सड़क सुविधा से जोड़ा जाएगा। इसको लेकर हिमाचल सरकार केंद्र सरकार से आग्रह करेगी।
केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय ने हिमाचल की 294 सड़कों के लिए 2271 करोड़ रुपये मंजूर किए हैं। अगले साल इसका काम शुरू किया जाना है। केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय इन सड़कों की मॉनीटरिंग करेगा। हिमाचल सरकार के लिए सड़कों का पैसा तीन चरण में आएगा। जैसे-जैसे कार्य होता रहेगा केंद्र से पैसा रिलीज होगा। उल्लेखनीय है कि हिमाचल में 280 ऐसी सड़कें हैं, जो गिफ्ट डीड और फॉरेस्ट क्लीयरेंस को लेकर फंसी हैं। प्रदेश सरकार ने इसको लेकर उपायुक्तों को मामला सुलझाने के निर्देश दिए हैं।
परवाणू टोल बैरियर पर फिर शुरू होगा फास्टैग सिस्टम, कार्य जारी
पंचकूला-शिमला नेशनल हाईवे पांच पर परवाणू टोल बैरियर पर फिर फास्टैग सिस्टम शुरू होगा। इसके लिए टोल पर कार्य चल रहा है। इसके बाद लोगों को यहां जाम नहीं झेलना पड़ेगा। अभी तक लोगों को जाम से परेशान होना पड़ता है। यहां पर अभी मैनुअल पर्ची सिस्टम चला हुआ है। इससे वीकेंड पर वाहनों की लंबी कतारें लग रही हैं। रविवार को भी सुबह 10 से 11 बजे तक वाहनों की लंबी कतारें लगी रहीं। इसके बाद देर शाम तक वाहन चालकों को जाम की समस्या का सामना नहीं करना पड़ा।दिवाली से पहले टोल प्लाजा के पास कार में आग भड़क गई थी। आग की अधिक लपटों से टोल प्लाजा भी चपेट में आ गया। आग लगने से फास्टैग समेत कई उपकरण जल गए थे। रविवार को परवाणू टोल से दूसरे राज्यों के करीब 5,500 वाहनों ने हिमाचल में प्रवेश किया। उधर, परवाणू टोल प्लाजा के रॉबिन संधू ने बताया कि टोल बूथ में मरम्मत का कार्य चल रहा है। कंप्यूटर से पर्ची काटने का कार्य शुरू कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि अगले तीन से चार दिनों में फास्टैग से टोल कटेगा।





