
नई दिल्ली: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने मृतक खाताधारकों की जमा राशि को उनके नामित परिजनों को उपलब्ध कराने के लिए एक नए, सरल और समयबद्ध नियम की घोषणा की है। इस नए फैसले के तहत, बैंक खातों में जिन मृतकों की राशि पड़ी है, उनके नामित व्यक्ति अब 15 लाख रुपये तक राशि का दावा तेजी से और कम बाधाओं के साथ कर सकेंगे। वहीं, सहकारी बैंकों के लिए यह सीमा 5 लाख रुपये निर्धारित की गई है। RBI ने बैंकों को आदेश दिया है कि क्लेम प्रक्रिया को 15 दिनों के भीतर पूरा किया जाए – यदि समयावधि में देरी होती है, तो बैंक पर जुर्माना लगाया जाएगा।
कहां तक लागू होगा यह नया प्रावधान?
यह नया निर्देश मौजूदा परिपत्रों की जगह ले लेगा, और जमा, सुरक्षित लॉकर तथा सुरक्षित अभिरक्षा में रखी वस्तुओं पर समान मानदंड लागू करेगा। इसे चालू वित्त वर्ष समाप्ति से पहले लागू किया जाना है, यानी 31 मार्च 2026 से पहले इस व्यवस्था को पूरी तरह क्रियान्वित किया जाना अपेक्षित है।
क्लेम करने की प्रक्रिया और आवश्यक दस्तावेज
नामित व्यक्ति या उत्तराधिकारी – बशर्ते कि उसमें कोई न्यायाधीश आदेश या विवाद न हो – निम्न दस्तावेज बैंक में जमा करेंगे:
-क्लेम आवेदन प्रपत्र
-मृतक का मृत्यु प्रमाण पत्र
-दावेदार की पहचान पत्र
-आवश्यक हो तो उत्तराधिकार प्रमाण पत्र या अस्वीकरण पत्र
-यदि वसीयत, उत्तराधिकारी प्रमाण पत्र आदि लागू हों
-नियमों के मुताबिक, बैंक 15 दिनों के अन्दर पूरी प्रक्रिया पूरी करेगा, बशर्ते सभी दस्तावेज सही हों।
देरी पर दंड: जुर्माना और ब्याज
यदि बैंकों द्वारा निर्धारित समय से देरी होती है, तो निम्न दंड लागू होंगे:
जमा राशि पर बैंक की ब्याज दर + 4% प्रतिवर्ष
लॉकर या सुरक्षित वस्तुओं की रिपोर्टिंग या सूचीकरण में देरी के लिए ₹5,000 प्रतिदिन तक जुर्माना
RBI ने बैंकों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि वे नए नियमों को जल्द से जल्द लागू करें।





