Sanjauli Mosque Case: फैसला आने के बाद संजौली मस्जिद के बाहर बढ़ाई सुरक्षा, गश्त भी शुरू

माचल प्रदेश की राजधानी शिमला की संजौली मस्जिद के मामले में आए अदालत के फैसले के बाद पुलिस ने क्षेत्र की सुरक्षा बढ़ा दी है। संजौली पुलिस की टीमें मस्जिद के आसपास गश्त कर रही हैं, वहीं मस्जिद जाने वाले मार्गों पर जवानों की तैनाती कर दी है। पुलिस मस्जिद की ओर जाने वाले लोगों की आवाजाही पर नजर रखे हुए है। 11 सितंबर 2024 के दिन संजौली में बनी मस्जिद को गिराने की मांग को लेकर सैकड़ों की संख्या में हिंदू संगठनों के कार्यकर्ताओं और लोगों ने जबरदस्त प्रदर्शन किया था। इस दौरान ढली टनल में प्रदर्शनकारियों ने बैरिकेड तोड़ डाले थे। इसके बाद प्रदर्शनकारी संजौली मस्जिद की ओर बढ़े लेकिन पुलिस ने यहां बैरिकेड लगाकर किसी तरह से प्रदर्शनकारियों को रोका।

पुलिस को प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए लाठीचार्ज भी करना पड़ा था। प्रदर्शन के बाद पुलिस ने मामले में कई एफआईआर दर्ज की थीं। इसमें वीडियो फुटेज और जांच के आधार पर कई लोगों को आरोपी बनाया था। सुरक्षा के दृष्टिगत संजौजी मस्जिद की ओर जाने वाले सभी रास्तों पर बैरिकेडिंग करने के साथ ही पुलिस जवानों की तैनाती भी की थी। अब अदालत के फैसले के बाद पुलिस हर गतिविधि पर नजर रखे हुए हैं, जिससे शरारती तत्व क्षेत्र की शांति भंग करने के लिए किसी प्रकार की शरारत न करें। एसएसपी संजीव कुमार गांधी ने बताया कि संजौली मस्जिद क्षेत्र के आसपास पुलिस गश्त कर रही है। इसके अलावा जवानों की तैनाती भी की गई है। वक्फ बोर्ड के अधिवक्ता बीएस ठाकुर ने कहा कि वक्फ बोर्ड ने संजौली मस्जिद कमेटी को सशर्त एनओसी दी थी कि उसे नगर निगम से नक्शा पास करवाना है। इसलिए डेमोलेशन ऑर्डर वक्फ बोर्ड के खिलाफ नहीं हो सकता।

एक महिला पुलिस कर्मी हुई थी घायल
मस्जिद विवाद एक लड़ाई की वजह से शुरू हुआ था। इसके बाद इस मामले में सियासत गरमा गई थी। आलम यह था कि प्रदर्शन के दौरान बाहरी राज्यों से भी लोग पहुंचे थे। मामला इतना गरमा उठा था कि यह कुछ दिन तक नेशनल मीडिया की सुर्खियों में छाया रहा। 11 सितंबर का प्रदर्शन काफी उग्र था। प्रदर्शनकारियों ने इस दौरान बेरिकेड तोड़ डाले थे तथा इस दौरान एक महिला पुलिस कर्मी घायल भी हो गई थी। वहीं शुक्रवार को जुम्मे की नमाज मस्जिद में होगी इसे लेकर भी संशय बरकरार है।

वर्ष 2010 से चल रहा था कोर्ट में मामला
संजौली मस्जिद का मामला नगर निगम की कोर्ट में वर्ष 2010 से चल रहा है। किसी भी सरकार ने इसे लेकर कोई गंभीरता नहीं दि खाई। नगर निगम की कोर्ट में मस्जिद के अवैध निर्माण को लेकर बार-बार नोटिस जारी किए लेकिन फिर भी चार से पांच मंजिल अवैध तरीके से खड़ी हो गईं।

समिति ने कोर्ट परिसर में बांटे लड्डू
चक्कर कोर्ट परिसर में संजौली मस्जिद को अवैध करार देने का फैसला आने के बाद देवभूमि संघर्ष समिति ने खुशी जाहिर की और परिसर में लड्डू बांटे। इस दौरान देवभूमि संघर्ष समिति के पदाधिकारी मौजूद रहे। उन्होंने संजौली मस्जिद में हुए अवैध निर्माण को जल्द गिराने की मांग की है।

कब क्या हुआकब क्या हुआ

संजौली मस्जिद मामले में 50 से ज्यादा बार सुनवाई हुई।
31 अगस्त 2024 को मैहली में दो गुटों में मारपीट के बाद मस्जिद विवाद गरमाया था
1 और 5 सितंबर 2024 को शिमला में हिंदू संगठनों ने प्रदर्शन शुरू किया
11 सितंबर को संजौली-ढली में उग्र प्रदर्शन हुआ
12 सितंबर को संजौली मस्जिद कमेटी आयुक्त कोर्ट में पहुंची
5 अक्तूबर 2024 को आयुक्त कोर्ट ने तीन मंजिलों को हटाने की अनुमति दी
3 मई 2025 को एमसी आयुक्त कोर्ट ने दो और मंजिलों को हटाने का आदेश दिया
वक्फ बोर्ड ने 17 मई को 3 मई के आदेशों को जिला न्यायालय में चुनौती दी
19 मई को सुनवाई में अदालत ने मस्जिद कमेटी से रिकॉर्ड तलब किया
23 मई को एमसी को दोबारा नोटिस जारी कर रिकॉर्ड पेश करने के लिए कहा
26 मई की सुनवाई में कोर्ट ने मस्जिद तोड़ने पर अंतरिम रोक लगाई।
29 मई को अदालत ने स्टे को बरकरार रखा
11 जुलाई को केस को बहस योग्य माना गया
8 और 21 अगस्त को वक्फ बोर्ड ने बहस के लिए समय मांगा
6 सितंबर को करीब सवा दो घंटे तक बहस हुई
30 अक्तूबर के लिए मामला सूचीबद्ध किया और फैसला सुनाया

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