
चायल (कंडाघाट) क्षेत्र में एच.पी.एस.ई.बी. सब-डिवीज़न को बंद करने के सरकार के निर्णय ने स्थानीय लोगों में गहरा रोष पैदा कर दिया है। वित्तीय अभाव का तर्क देकर लिए गए इस फैसले को जनता की बुनियादी जरूरतों और क्षेत्र की भौगोलिक परिस्थितियों की अनदेखी के तौर पर देखा जा रहा है।
इसी बीच भाजपा के पूर्व प्रत्याशी डॉ. राजेश कश्यप ने इस निर्णय का कड़े शब्दों में विरोध करते हुए कहा कि चैल–कंडाघाट जैसे दूरस्थ और पहाड़ी क्षेत्र में हिमाचल प्रदेश स्टेट इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड सब-डिवीजन का बंद होना आम जनता को सीधे तौर पर प्रभावित करेगा। उन्होंने आरोप लगाया कि यह निर्णय पक्षपातपूर्ण और क्षेत्र की वास्तविक जरूरतों से परे है।
डॉ. कश्यप ने यह भी स्पष्ट किया कि वे ममलीघ मेंपी डब्ल्यूडी सब-डिवीजन खोलने का स्वागत करते हैं, लेकिन इसके साथ ही चैल से HPSEB सब-डिवीजन हटाना क्षेत्र के साथ खुला अन्याय है।
उनके अनुसार, “यह फैसला माननीय मंत्री कर्नल धनीराम शांडिल द्वारा आंशिक दृष्टिकोण से लिया गया प्रतीत होता है, जहाँ चैल-कंडाघाट की जनता की भावनाओं और आवश्यकताओं को उचित महत्व नहीं दिया गया।”
स्थानीय लोग भी बिजली सेवाओं के केंद्रीकरण और दूरी बढ़ने की वजह से भविष्य में मरम्मत, शिकायत समाधान और आपातकालीन सेवाओं में भारी देरी की आशंका जता रहे हैं।





