
#खबर अभी अभी दिल्ली ब्यूरो*
22 दिसंबर 2022
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि देश के 472 जिलों में नशे का जाल फैला हुआ है। हमने दो साल के अथक परिश्रम के बाद सर्वे और कई रिपोर्ट के आधार पर जिलों में मैपिंग कर ड्रग्स की आपूर्ति के मार्गों की पहचान की है और इसके तहत बड़ी मात्रा में जब्ती भी की गई है। लोकसभा में बुधवार को ‘देश में मादक पदार्थ दुरुपयोग की समस्या और इस संबंध में सरकार की ओर से उठाए गए कदम’ पर हुई लंबी चर्चा का जवाब देते हुए केंद्रीय मंत्री शाह ने लोकसभा में एलान किया, नशे की तस्करी के पीछे कितना भी बड़ा अपराधी हो, आने वाले दो साल में वह जेल की सलाखों के पीछे होगा।
शाह ने कहा कि अपनी नस्लों और देश को बचाने के लिए केंद्र और राज्यों को मतभेद भुलाकर इसके खिलाफ एकजुट होना होगा। जो देश हमारे देश में आतंकवाद को बढ़ावा दे रहे हैं, वे ड्रग्स से होने वाले मुनाफे का इस्तेमाल उसी के लिए कर रहे हैं। इस गंदे पैसे की मौजूदगी अर्थव्यवस्था को भी खोखला कर देती है।
यूपीए सरकार से की तुलना राहुल गांधी को दिया जवाब
गुजरात के बंदरगाह में बड़ी मात्रा में ड्रग्स की बरामदगी संबंधी राहुल गांधी के आरोप का भी शाह ने जवाब दिया। उन्होंने कहा कि वह सदन में नहीं हैं, इसलिए नाम नहीं लेना चाहता। उन्हें समझना होगा कि ज्यादा ड्रग्स बरामद होना बड़ी सफलता है, क्योंकि एजेंसियां सतर्क हैं। 2006 से 2013 में 22.41, जबकि 2014 से 2022 तक 62.60 लाख किलो मादक पदार्थ पकड़े गए।
शाह के जवाब के दौरान तृणमूल कांग्रेस सांसद सौगत रॉय ने टोका-टाकी की तो गृह मंत्री अपनी सीट पर बैठ गए और कहा कि दादा पहले आप बोल लीजिए। इस तरह का व्यवहार आपकी उम्र और कद के लिहाज से ठीक नहीं है। विपक्ष की ओर से गृह मंत्री के गुस्सा होने की बात कही गई, जिस शाह बोले, समझाना पड़ता है। कई बार बड़ों को भी।
पाकिस्तान से अभी कोई कारोबार नहीं हो रहा है। ऐसे में सरहद से होकर नशीले पदार्थ नहीं आते हैं, लेकिन ड्रोन से आते हैं। सुरंग बनाकर और बंदरगाहों के रास्ते आ रहा है। इन नए तरीकों से निपटना होगा। – अमित शाह, केंद्रीय गृह मंत्री
शाह ने कहा, नशा मुक्त भारत मोदी सरकार का संकल्प है। उन्होंने कहा कि तीन साल पहले चार स्तरीय एन-कोड की स्थापना की गई है। जिला से लेकर केंद्र तक समितियां बनाई हैं। 60-70% ड्रग्स समुद्री रास्ते और एयरपोर्ट से आता है। इसके लिए टास्क फोर्स बनाई है। सीमा सुरक्षा बल, असम राइफल्स, एसएसबी को मामले दर्ज करने का अधिकार दिया गया है।
केंद्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में कहा कि इस साल अब तक करीब 71 बहु-राज्य सहकारी समितियां दिवालियापन के अधीन हैं। इनमें से ज्यादातर राजस्थान, महाराष्ट्र, दिल्ली और ओडिशा की हैं। 15 समितियां राजस्थान, 13 महाराष्ट्र और 11-11 दिल्ली व ओडिशा में हैं। एक लिखित जवाब में शाह के दिए गए आंकड़ों अनुसार, पांच बहु-राज्य सहकारी बैंक भी 15 दिसंबर तक दिवालियापन के अधीन थे। प्राथमिक कृषि साख समितियों (पीएसीएस) के प्रदर्शन पर शाह ने कहा कि 48,907 पीएसीएस लाभ में थे, जबकि 24,243 मार्च 2020 तक घाटे में थे। देश में करीब एक लाख पीएसीएस हैं।
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