

हिमाचल प्रदेश में 386 मिनी आंगनबाड़ी केंद्र मुख्य आंगनबाड़ी केंद्रों में अपग्रेड होंगे। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग ने भारत सरकार को मिनी आंगनबाड़ी केंद्रों को मुख्य आंगनबाड़ी केंद्रों में शामिल करने का प्रस्ताव भेजा है। भारत सरकार की ओर से इस प्रस्ताव को मंजूरी मिलते ही मिनी आंगनबाड़ी केंद्र अपग्रेड हो जाएंगे। वर्तमान में हिमाचल प्रदेश में 153 मिनी आंगनबाड़ी केंद्रों को मुख्य आंगनबाड़ी केंद्रों में अपग्रेड कर दिया गया है।
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के सचिव आशीष सिंहमार ने बताया कि शेष बचे 386 मिनी आंगनबाड़ी केंद्रों को मुख्य आंगनबाड़ी केंद्रों में अपग्रेड करने का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेज दिया है। जैसे ही प्रस्ताव को मंजूरी मिलेगी शेष बचे मिनी आंगनबाड़ी केंद्रों को भी अपग्रेड करके मुख्य आंगनबाड़ी केंद्र बना दिया जाएगा। वर्तमान में अपग्रेड हुए 153 आंगनबाड़ी केंद्रों में बिलासपुर में दो, चंबा में 41, हमीरपुर में एक, कांगड़ा में 26, कुल्लू में 8, मंडी में 30, शिमला में 34, सिरमौर में 5, सोलन में 5 और ऊना में एक शामिल है।वहीं दूसरी ओर मिनी आंगनबाड़ी केंद्र मुख्य आंगनबाड़ी केंद्र में अपग्रेड होने से आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और आंगनबाड़ी सहायिका के वेतनमान में भी इजाफा होगा। जहां पहले मिनी आंगनबाड़ी केंद्र में एक ही आंगनबाड़ी कार्यकर्ता का पद था और उसे साढ़े पांच हजार रुपए दिए जाते थे, तो वहीं मिनी आंगनबाड़ी केंद्र अब मुख्य आंगनबाड़ी केंद्र में तब्दील होने से जहां एक ओर आंगनबाड़ी सहायिका का पद भी सृजित होगा, तो वहीं दूसरी ओर वेतनमान में भी इजाफा होगा।
वर्तमान में आंगनबाड़ी केंद्र में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को 10,500 और आंगनबाड़ी सहायिका को 5,000 मानदेय दिया जाता है। हिमाचल प्रदेश में वर्तमान में 539 मिनी आंगनबाड़ी केंद्र है। यह पहल भारत सरकार की सक्षम आंगनबाड़ी और पोषण 2.0 योजना के तहत की गई है, जिसके अंतर्गत देशभर में मिनी आंगनबाड़ी केंद्रों को पूर्ण विकसित केंद्रों में बदला जा रहा है। हिमाचल प्रदेश के इन केंद्रों में कार्यकर्ता और सहायिका की तैनाती से बच्चों को बेहतर शिक्षा और पोषण मिलेगा।



