बददी :चार श्रम संहिताओं के कार्यान्वयन का बीएमएस ने किया स्वागत

बददी

भारतीय मजदूर संघ (बीएमएस) हिमाचल प्रदेश ने चार श्रम संहिताओं के कार्यान्वयन का स्वागत करते हुए दो श्रम संहिताओं में कुछ ज़रूरी संशोधन किये जाने की माँग की। भारतीय मजदूर संघ, हिमाचल प्रदेश ने चार श्रम संहिताओं के कार्यान्वयन पर खुशी जताते हुए केंद्र सरकार का आभार जताया है।

बीएमएस के प्रदेश उप महामंत्री देवीदत्त तनवर ने बताया कि संगठन केंद्र सरकार द्वारा चारों लेबर कोड पर ऐतिहासिक निर्णय लिये जाने की हार्दिक सराहना करता है और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी व केंद्रीय श्रम मंत्री मनसुखलाल मांडविया को धन्यवाद देता है। साथ ही श्रमिकों के हित को देखते हुए श्रम संहिता सम्बन्धी मुद्दों को केंद्र सरकार के समक्ष उठाने के लिए बीएमएस के केंद्रीय पदाधिकारियों का भी आभार है। उन्होंने बताया कि सरकार ने देश के कार्यबल के सम्मान, सुरक्षा और कल्याण के उद्देश्य से लंबे समय से प्रतीक्षित चार श्रम संहिताओं को लागू किया है। इसे लेकर संगठन के अखिल भारतीय पदाधिकारियों का प्रतिनिधिमंडल केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री से मिला। पदाधिकारियों ने चार लेबर कोड में से दो कोड, कोड ऑन वेजेस 2019 और कोड ऑन सोशल सिक्योरिटी 2020 का समर्थन किया। बीएमएस ने इन दो कोडों को ऐतिहासिक व क्रांतिकारी बताया है, जो सभी वर्कर्स को लाभ पहुँचाएँगे। हालाँकि संगठन ने अन्य दो कोड, इंडस्ट्रियल रिलेशन्स कोड 2020 और ऑक्यूपेशनल सेफ्टी हेल्थ एंड वर्किंग कंडीशन कोड 2020 में कुछ चिंताओं सहित कई श्रम-संबंधी मुद्दों पर विस्तृत माँगपत्र प्रस्तुत किया और आवश्यक संशोधन किये जाने की माँग की। केंद्रीय मंत्री ने बीएमएस को आश्वासन दिया कि सभी जायज़ चिंताओं का समाधान किया जाएगा। यदि आवश्यक हुआ, तो संसद में संशोधन प्रस्तुत करने सहित आवश्यक कदम उठाए जाएँगे।
स्वतंत्रता के 78 वर्ष बाद नयूनतम वेतन का सार्वभौमिक साकार हुआ,
वेतन संहिता में देश के अंतिम श्रमिक की नयुनतम वेतन का कानुनी अधिकार प्राप्त कर चुका है।
नयूनतम वेतन का पुनरिक्षण अब पांच वर्ष के भीतर अनिवार्य होगा।
वेतन का भुगतान केवल बैंक के माध्यम से ही होगा।
आपराधिक मामलों को दर्ज करने का अधिकार अब श्रमिकों व टेड युनियनों को भी दिया गया है।

सामाजिक सुरक्षा —
प्रत्येक श्रमिक को नियुक्ति पत्र देना अनिवार्य है।
श्रमिकों की संख्या चाहे कितनी भी हो सभी प्रतिषठानों का पंजीकरण आवश्यक है।
10 या उससे अधिक श्रमिकों वाले सभी प्रतिषठानों पर ESI लागू, पुरे भारत में ESI मानय होगी।
किसी भी खतरनाक कार्य पर भले ही एक श्रमिक हो ESI लागू होगा।
खनन श्रमिकों को भी ESI का लाभ मिलेगा।
नियोक्ता को पंजीकरण, नामांकन या अंशदान न करने की स्थिति में भी श्रमिक लाभ पाने का अधिकार रखेगा।
20 या अधिक श्रमिकों वाले सभी प्रतिषठानों पर EPF, EPS , EDLI लागू होगी।
कार्य स्थल आने जाने के दौरान दुरघटना होने पर भी क्षतिपूर्ति का प्रावधान है।
गिग वर्कर और प्लेट फार्मर वर्कर को भी सामाजिक सुरक्षा का लाभ मिलेगा।
असंगठित क्षेत्र अंतर राज्य प्रवासी, घरेलू कामगार, घर आधारित तथा निश्चित अवधि श्रमिकों के लिए भी सामाजिक सुरक्षा।
ठेका श्रमिकों के अंशदान में ठेकेदार की ओर से चूक पर भी मुख्य नियोक्ता उतरदायी होगा।
प्रवासी श्रमिकों की सामाजिक सुरक्षा संख्या आधार से लिंक पुरे देश में पोर्ट बिलिटि।
ब्यावसायिक सुरक्षा स्वास्थ्य एवं कार्य स्थिति संहिता–
10 से अधिक श्रमिकों वाले प्रतिषठानों पर सुरक्षा व स्वास्थ्य लाभ।
सुरक्षा जोखिम की जानकारी पाने और नीरिक्षक को शिकायत करने का अधिकार।
औधोगिक संबंध संहिता–
निश्चित अवधि रोजगार Fixed Term Employees की अवधारणा शुरू की गई है, इनको भी स्थायी श्रमिकों के बाराबर सुरक्षित और स्वास्थ्य कामकाजी परिस्थितियां प्रदान की जाएगी।
FTE 1 वर्ष की सेवा पुरी होने पर ग्रेच्युटी के लिए पात्र होगे ं।

प्रदेश उप महामंत्री देवीदत्त तनवर ने बताया कि संगठन ने लेबर कोड के संबंध में सरकार से जो माँगें की हैं, उनमें प्रमुख माँगें हैं कि न्यूनतम पेंशन को 1,000 रुपये से बढ़ाकर 7,500 रुपये करके इसे उपभोक्ता मूल्य सूचकांक से जोड़ा जाए, ईपीएफ सीमा को 15,000 रुपये से बढ़ाकर 30,000 रुपये किया जाए, ईएसआई सीमा को 21,000 से बढ़ाकर 42,000 रुपये करने किया जाए और बोनस की गणना 7,000 से बढ़ाकर 14,000 रुपये किया जाए। उन्होंने श्रम मंत्री के सकारात्मक उत्तर के लिए उनका विशेष आभार व्यक्त किया है। पत्रकार वार्ता में मेला राम चंदेल, राजु भारद्वाज, गोपाल चौधरी, खेम राज, शिवम आदि शामिल थे।

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