

#खबर अभी अभी मंड़ी ब्यूरो*
20 दिसंबर 2024
बांग्लादेश में हो रहे नरसंहार और हिंदुओं और अल्पसंख्यकों पर अत्याचार के खिलाफ धर्मसंघ भूतनाथ मंदिर के सौजन्य से विशाल जनसभा और आक्रोश रैली का आयोजन किया गया जिसमें मंडी जिला की 30 से अधिक सामाजिक और धार्मिक संस्थाओं ने भाग लिया। जनसभा के दौरान विभिन्न संस्था के वक्ताओं ने अत्याचार के खिलाफ अपने विचार साझा किए और सरकार को हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों के खिलाफ हस्तक्षेप करने के लिए प्रशासन के माध्यम से राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को ज्ञापन भी प्रेरित किया। आक्रोश रैली के दौरान भारत माता की जय और वंदे मातरम के जयघोष से पूरी छोटी काशी गूंज उठी और साथ ही बांग्लादेश सरकार के मुर्दाबाद के नारे भी लगाए गए। साथ ही जागो हिंदू और मंडी वालों जाग जाओ जैसे नारे लगाए गए।
इस दौरान धर्म संघ के मुख्य सलाहकार ओम शर्मा ने कहा की ये जनसभा और आक्रोश रैली यह संकेत छोटी काशी से देना चाहती है कि बांग्लादेश के उपद्रवीयों और उग्रवादियों को कि हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार पर अब हिंदू चुप नहीं बैठने वाले। उन्होंने बताया कि इस जनसभा और आक्रोश रैली का आयोजन इसलिए किया गया ताकि यह आवाज राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री तक पहुंचे कि जो घटनाएं बांग्लादेश में हो रही है जिसमें बलात्कार अनाचार, हत्या से प्रदेश और छोटी काशी का पूरा समाज द्रवित है और इन कूकृत्यों का विरोध करता है।
धर्म संघ के संयोजक नीरज हांडा ने कहा कि बांग्लादेश में हो रहे नरसंहार और सनातनीयों और अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचार के खिलाफ ही प्रदर्शन किया गया और बांग्लादेश में रहने वाले सनातनी भाई जिन्हें जेलों में बंद करके रखा है जो कि बहुत की गलत और असहनीय है जिसके लिए आज हिंदू एक होकर उस उपद्रव के खिलाफ आवाज लगाने के लिए खड़ा है। मंडी के सभी संगठनों ने एक साथ मिलकर सेरी मंच से हुंकार भरी है ताकि इसकी आवाज केंद्र तक पहुंचे और इस अशांति को शीघ्र अति शीघ्र रोका जा सके।
वहीं सभी सामाजिक और धार्मिक संस्थाओं के अध्यक्षों ने भी अपने विचार रखे जिसमें वीर मण्डल के अध्यक्ष चंद्रशेखर वैद्य ने बांग्लादेश को चेतावनी दी कि हिंदुओं पर अत्याचार को जल्दी बंद किया जाए, सैनिक लीग के अध्यक्ष हेत राम शर्मा ने 1971 में बांग्लादेश कैसे भारत आजादी, नागरिक सभा के अध्यक्ष रविकांत कपूर, सनातन धर्म सभा के अध्यक्ष रवि वैद्य, राजपूत सभा अध्यक्ष अमर सिंह जामवाल ने भी अपने विचार रखे।



