बीबीएमबी में हिमाचल सरकार की हिस्सेदारी के मामले की सुनवाई चार हफ्ते बाद की निर्धारित

#खबर अभी अभी सोलन ब्यूरो*

7 सितंबर 2023

Himachal govt stake in BBMB case hearing adjourned

सुप्रीम कोर्ट ने भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (बीबीएमबी) में हिमाचल सरकार की हिस्सेदारी के मामले की सुनवाई चार हफ्ते बाद निर्धारित की है। केंद्र सरकार की ओर से इस मामले पर मध्यस्थता करने का आग्रह किया गया था। राज्य सरकार के महाधिवक्ता ने केंद्र सरकार के आग्रह का विरोध करते हुए अदालत को बताया कि इस मामले में कई बार मध्यस्थता विफल हो चुकी है। राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के निर्णय को लागू करने के लिए आवेदन किया है। सुप्रीम कोर्ट ने बीबीएमबी के बिजली की परियोजनाओं में हिमाचल की हिस्सेदारी 27 सितंबर 2011 को पारित निर्णय के तहत पहली नवंबर 1966 से छह प्रतिशत ब्याज के साथ 7.11 फीसदी तय की थी। इसके अतिरिक्त हिमाचल की दावेदारी तय करते हुए अदालत ने पंजाब और हरियाणा को पांच-पांच लाख की कॉस्ट लगाई थी

इसके हिसाब से बीबीएमबी की ओर से हिमाचल को 13,066 मिलियन यूनिट बिजली मुफ्त में देनी बकाया है। सुप्रीम कोर्ट ने बीबीएमबी परियोजनाओं के कुल उत्पादन की 7.11 फीसदी हिस्सेदारी के लिए हिमाचल को हकदार ठहराया था। इसके तहत भाखड़ा-नंगल में 6.095 फीसदी, ब्यास- एक में 5.752 फीसदी और ब्यास- दो में 2.984 फीसदी हिस्सेदारी तय की थी। इसके लिए अदालत ने केंद्र सरकार को आदेश दिए थे कि वह हिमाचल की हिस्सेदारी का विवरण अदालत को सौंपे। यह बताने के आदेश भी दिए थे कि पंजाब और हरियाणा ने हिमाचल को अक्तूबर 2011 तक कितनी राशि देनी है। अदालत के इन आदेशों की अनुपालना के लिए राज्य सरकार ने 7 अगस्त 2012 को आवेदन दायर किया था।

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