

शिमला | हिमाचल प्रदेश के सरकारी विभागों में होने वाली भर्ती के नियमों में से अनुबंध के प्रावधान को हटाने के बाद अब नई भर्ती नीति नोटिफाई होने वाली है। कार्मिक विभाग ने यह ड्राफ्ट फाइनल कर लिया है और इसे समीक्षा के लिए विधि विभाग को भेजा गया है। इससे पहले कैबिनेट ने इस भर्ती नीति के लिए मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू को अधिकृत कर दिया था। कार्मिक विभाग ने मुख्यमंत्री से चर्चा करने के बाद इस पॉलिसी को बनाया है। सूत्र बताते हैं कि नई पॉलिसी में दो साल की जॉब ट्रेनिंग का प्रावधान किया जा रहा है, जैसे दो साल अनुबंध की सेवा का प्रावधान पहले से था। जिन कर्मचारी वर्गों को पहले अनुबंध पर भर्ती किया जाता था, उन्हें अब जॉब ट्रेनिंग पर किया जाएगा। इसी सप्ताह इस भर्ती नीति की नोटिफिकेशन होने वाली है।
अब नई भर्तियां इस नई नीति के अनुसार होंगी। इससे पहले राज्य सरकार ने कर्मचारी चयन आयोग को वे सभी पुरानी भर्तियां दे दी थी, जो पहले नोटिफाई हो चुकी थीं या जिनकी भर्ती की प्रक्रिया शुरू हो गई थी। इनके लिए भी दो साल के लिए ट्रेनी भर्ती का ही प्रावधान था। अब नई पॉलिसी उन भर्तियों के लिए लाई जा रही है, जो बिल्कुल नए सिरे से आगे होने वाली हैं। हिमाचल सरकार को कॉन्ट्रैक्ट पर होने वाली भर्तियों का प्रावधान इसलिए हटाना पड़ा था, क्योंकि सरकार ने कर्मचारियों की सेवा शर्तों से संबंधित एक नया कानून विधानसभा के शीतकालीन सत्र में पारित करवा दिया था। अनुबंध की अवधि को जोड़ते हुए नियुक्ति की तिथि से सीनियोरिटी पर कोर्ट से फैसला आने के बाद राज्य सरकार पर वित्तीय भार पड़ गया था। हालांकि इन्हीं मामलों में कर्मचारी एक्ट भी अभी कोर्ट में विचाराधीन है। इसे चुनौती देने के लिए हजारों याचिकाएं हिमाचल हाई कोर्ट में दायर हुई हैं।



