
#खबर अभी अभी शिमला ब्यूरो*
27 फरवरी 2023
भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण ने प्रस्तावित मंडी हवाई अड्डे की विस्तृत प्रोजेक्ट रिपोर्ट लौटा दी है और इसमें तकनीकी खामियां दूर करने के निर्देश दिए हैं। प्राधिकरण ने हवाई अड्डे के लिए नियुक्त कंसलटेंट कंपनी को डीपीआर में संशोधन के लिए 15 दिन का समय दिया है। मंडी के बल्ह में प्रदेश का सबसे बड़ा हवाई अड्डा बनना प्रस्तावित है। अभी इस हवाई अड्डे की डीपीआर को अंतिम रूप नहीं दिया जा सका है।
इस बीच क्षेत्र के किसानों का विरोध भी जारी है, जो पूर्व सरकार के सत्ता में रहते ही शुरू हो गया था। पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर का ड्रीम प्रोजेक्ट बल्ह अंतरराष्ट्रीय ग्रीन फील्ड हवाई अड्डा बनाने का रहा है। 20 जुलाई को नागरिक उड्डयन मंत्रालय से हवाई अड्डे की साइट को मंजूरी मिलने के 12 दिन के भीतर ही केंद्र सरकार के उपक्रम वैपकास ने हवाई अड्डे की अंतिम डीपीआर तैयार कर ली थी।30 विशेषज्ञों की टीम ने इस डीपीआर को तैयार किया है। इसके बाद डीपीआर नागरिक उड्डयन मंत्रालय को सैद्धांतिक मंजूरी के लिए भेजी गई, ताकि पूरे प्रोजेक्ट की अंतिम लागत तय हो सके। सूत्रों के अनुसार इस डीपीआर में प्रोजेक्ट की लागत 15 फीसदी तक बढ़ी है। पहले 7,500 करोड़ के आसपास की लागत बताई जा रही थी। अब करीब 9,000 करोड़ से अधिक की लागत आने का अनुमान है।
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