
#खबर अभी अभी सोलन ब्यूरो*
2 जुलाई 2023
नगर निगम सोलन में गुटबाजी थमने का नाम नहीं ले रही। पहले जहां मनोनीत पार्षदों की नियुक्ति का मामला कई माह तक फंसा रहा। वहीं अब पार्षदों की नियुक्ति होने के बाद गुटबाजी खुलकर सामने आ गई है। शनिवार को नगर निगम में मनोनीत पार्षदों के लिए हुए शपथ ग्रहण में महापौर, उपमहापौर समेत कांग्रेस के पांच पार्षदों ने दूरी बनाए रखी। वहीं भाजपा के सात पार्षदों के साथ निर्दलीय पार्षद भी इसमें नहीं पहुंचे। ऐसे में शपथ ग्रहण समारोह में महापौर, उपमहापौर समेत 13 पार्षदों की अनुपस्थिति ने कई सवाल खड़े गए दिए हैं।
महापौर और उपमहापौर समेत निगम के अधिकांश पार्षद किसी निजी समारोह में शामिल होने के लिए अर्की के डुमैहर में गए थे। यही वजह रही कि वे शपथ समारोह में नहीं आ सके। हालांकि स्वास्थ्य मंत्री कर्नल धनीराम शांडिल समारोह में विशेष रूप से उपस्थित रहे।
प्रदेश सरकार ने करीब छह माह बाद निगम में पांच मनोनीत पार्षदों नियुक्त किए हैं। इसमें तीन स्वास्थ्य मंत्री कर्नल धनीराम शांडिल जबकि दो मुख्यमंत्री के समर्थक माने जाते हैं। स्वास्थ्य मंत्री अपने समर्थकों को पार्षद मनोनीत करने में कामयाब तो हो गए लेकिन निगम में कांग्रेस पार्षदों के बीच की खींचतान को समाप्त नहीं कर पाए। 17 सदस्यों की नगर निगम सोलन में कांग्रेस के 9 पार्षद हैं। इसमें से मेयर समेत पांच पार्षदों का एक गुट से हैं जबकि चार पार्षदों का अलग गुट है।
इससे पहले भी कई जगहों पर स्थानीय मंत्री और निगम में खींचतान देखी गई है। 21 जून को शूलिनी मंच के उद्घाटन के दौरान भी मंत्री के शहर में हाेने के बावजूद उन्हें नहीं बुलाया गया। इसी तरह शूलिनी मेले को लेकर नगर निगम में आयोजित बैठक से भी महापौर ने दूरी बनाई थी। हालांकि उन्होंने अपनी व्यस्तता का हवाला दिया था। वहीं उससे पहले स्वास्थ्य मंत्री कर्नल धनीराम शांडिल ने 11 जून को शूलिनी माता मंदिर के गेट के उद्घाटन के मौके पर लगाई गई पट्टिका में मेयर का नाम ही नहीं था।
इस बारे में स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धनीराम शांडिल ने कहा कि महापौर, उपमहापौर व कुछ विधायक किसी कार्यक्रम में गए हैं। हालांकि शपथ ग्रहण में आकर उन्हें एकजुटता दिखानी चाहिए थी।
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