
#खबर अभी अभी सोलन ब्यूरो*
22 अक्तूबर 2023
हिमाचल प्रदेश के चार नगर निगमों में होने वाले महापौर और उपमहापौर के चुनाव में विधायकों को वोट डालने का अधिकार नहीं मिलेगा। राज्य सरकार के विधि विभाग ने स्पष्ट किया है कि इस एक्ट में विधायकों को मताधिकार का प्रावधान नहीं है। विधि महकमे ने राज्य सरकार के सचिव शहरी विकास को इसकी फाइल भेज दी है। शहरी विकास निदेशालय को भी इस बारे में अवगत करवा दिया गया है।
राज्य सरकार ने उपायुक्तोंं को चुनाव प्रक्रिया शुरू करने को कहा है। विधायक नगर परिषद और नगर पंचायत की तर्ज पर मताधिकार की मांग कर रहे थे। इसमें चुनाव प्रक्रिया रुकी हुई थी। हिमाचल प्रदेश के सोलन, मंडी, धर्मशाला और पालमपुर नगर निगम में महापौर और उपमहापौर का कार्यकाल 15 अक्तूबर को खत्म हो गया है।
अब पार्षदों को वोटिंग कर महापौर और उप महापौर चुनने हैं। हिमाचल प्रदेश में पांच नगर निगम हैं। राजधानी शिमला में अंग्रेजों के जमाने का नगर निगम है, जबकि धर्मशाला, पालमपुर, मंडी और सोलन नगर निगम पूर्व भाजपा सरकार के कार्यकाल में बनाए गए थे।
भाजपा सरकार के कार्यकाल में ही इन चारों नगर निगमों में चुनाव हुए। धर्मशाला और मंडी में भाजपा काबिज है, जबकि सोलन और पालमपुर में कांग्रेस पार्टी ने अपना कब्जा जमाया हुआ है। वहीं, नगर निगम शिमला के चुनाव कांग्रेस पार्टी के सत्ता में रहते हुए हैं। यहां कांग्रेस पार्टी बहुमत में है। ऐसे में यहां महापौर और उप महापौर कांग्रेस पार्टी के हैं। प्रधान सचिव शहरी देवेश कुमार ने कहा है कि विधि विभाग से फाइल आ गई है।
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