मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू के मंत्रिमंडल की पहली सूची में कांगड़ा जिले को नहीं मिली तवज्जो

#खबर अभी अभी शिमला ब्यूरो*

09 जनवरी 2023

मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू के मंत्रिमंडल की पहली सूची में कांगड़ा जिले को तवज्जो नहीं मिली। सरकार चुनने के एक माह बाद मंडी और बिलासपुर जिले को भी अभी तक मंत्रिमंडल से बाहर रखा गया है। वहीं, शिमला और सोलन जिले को खास तरजीह दी गई है। कांगड़ा जिले से महज एक मंत्री और दो सीपीएस बनाए गए हैं। पिछली जयराम और वीरभद्र सरकार में कांगड़ा से तीन मंत्री हमेशा रहे हैं। सुक्खू सरकार में कांगड़ा के बजाय जिला शिमला को ज्यादा तवज्जो दी है।

शिमला जिले से तीन मंत्री और एक सीपीएस बनाया गया है। सोलन जिले से एक मंत्री और दो सीपीएस बनाए गए हैं। कांगड़ा जिले से 15 में से 10 सीटें कांग्रेस ने जीती हैं। इसके बावजूद पहली सूची में इस जिले से मात्र एक मंत्री चंद्र कुमार और किशोरी लाल, आशीष बुटेल को सीपीएस बनाया है। कांगड़ा जिले की अनदेखी करने से लोगों में मायूसी देखने को मिली। जबकिजिला शिमला में आठ में से सात सीटें कांग्रेस की झोली में आई हैं।

इस जिले से रोहित, अनिरुद्ध और विक्रमादित्य को मंत्री, जबकि मोहन लाल ब्राक्टा को सीपीएस बनाया गया है। इससे पहले नरेश चौहान को कैबिनेट रैंक का दर्जा देते हुए मुख्यमंत्री का राजनीतिक सलाहकार बनाया गया है। जिला सोलन में पांच में से चार सीटें जीतने का इनाम एक मंत्री और दो सीपीएस के पद देकर दिया गया है। इस जिले से धनीराम शांडिल को मंत्री और रामकुमार व संजय अवस्थी को सीपीएस बनाया गया है।

जिला मंडी और बिलासपुर से जीते एक-एक विधायक चंद्रशेखर और राजेश धर्माणी को भी बड़ा पद मिलने की उम्मीद थी जिला चंबा को विधानसभा अध्यक्ष का पद, कुल्लू जिले से सुंदर सिंह ठाकुर को सीपीएस, किन्नौर से जगत सिंह नेगी और सिरमौर से हर्षवर्द्धन चौहान को मंत्री बनाकर राजनीतिक संतुलन बैठाया गया है।

हमीरपुर जिले से मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू खुद हैं, लेकिन पिछले चुनाव में पूर्व मुख्यमंत्री प्रेमकुमार धूमल को हराने वाले राजेंद्र राणा भी मंत्री पद की उम्मीद लगाए बैठे थे। उन्हें भी पहली सूची में निराशा हाथ लगी है। कांगड़ा से पहली सूची में दो मंत्री पद पक्के माने जा रहे थे, लेकिन ऐन मौके पर सुधीर शर्मा का पत्ता कटने से भी कांगड़ा के लोग नाराज हैं। अब देखना यह है कि दूसरी सूची में तीन मंत्री पद और एक उपाध्यक्ष पद में कांगड़ा जिले को कितनी तवज्जो मिलती है।

#खबर अभी अभी शिमला ब्यूरो*

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