राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने सात विधायकों को मंत्री पद की दिलाई शपथ

#खबर अभी अभी शिमला ब्यूरो*

09 जनवरी 2023

हिमाचल प्रदेश की सुखविंद्र सुक्खू सरकार में सात विधायक मंत्री बनाए गए हैं। रविवार को राजभवन शिमला में शपथ ग्रहण समारोह हुआ। मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना ने कार्यवाही का संचालन किया। राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने सात विधायकों को मंत्री पद की शपथ दिलाई। धनीराम शांडिल ने सबसे पहले मंत्री पद की शपथ ली। इसके बाद चंद्र कुमार ने दूसरे स्थान पर मंत्री पद की शपथ ली। तीसरे स्थान पर हर्षवर्द्धन चौहान, चौथे स्थान पर जगत सिंह नेगी ने मंत्री पद की शपथ ली। पांचवें स्थान पर रोहित ठाकुर ने मंत्री पद की शपथ ली। अनिरुद्ध सिंह ने छठे स्थान पर और विक्रमादित्य सिंह ने सातवें स्थान पर मंत्री पद की शपथ ली।
शपथ लेते कर्नल डॉ. धनीराम शांडिल।

वीरभद्र सरकार में भी रहे मंत्री- कर्नल डॉ. धनीराम शांडिल सोलन सदर सीट से तीसरी बार जीते हैं। 82 वर्षीय शांडिल का राजनीतिक कॅरिअर वर्ष 1999 में शुरू हुआ। वह पहली बार हिमाचल विकास कांग्रेस से लोकसभा सांसद का चुनाव जीते थे। उसके बाद उन्होंने कांग्रेस ज्वाइन कर ली और 2004 में कांग्रेस के टिकट से दूसरी बार लोकसभा सांसद चुने गए। 2012 में उन्होंने पहली बार सोलन सदर सीट से विधानसभा चुनाव लड़ा और यहां से जीत हासिल की। उसी साल वीरभद्र सरकार में उन्हें सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री का पद भी दिया गया था। उसके बाद वह लगातार सोलन सदर सीट से विधायक हैं। राजनीति में आने से पहले वह सेना में सेवाएं दे चुके हैं। वह भारत ज्योति पुरस्कार से भी सम्मानित हो चुके हैं। उनका जन्म 22 अक्तूबर 1940 को सोलन की कंडाघाट तहसील के ममलीग गांव में हुआ था।
शपथ लेते चौधरी चंद्र कुमार।

जवाली से छह बार के विधायक- चौधरी चंद्र कुमार भाजपा प्रत्याशी संजय गुलेरिया को हराकर कांगड़ा के जवाली से विधानसभा सदस्य चुने गए हैं। 78 वर्षीय चंद्र कुमार ने एमए, एमएड और एलएलबी की पढ़ाई की है। वह 2004 से लेकर 2009 तक लोकसभा के सदस्य रहे। चंद्र कुमार कांगड़ा जिले के जवाली विधानसभा क्षेत्र से छठी बार जीत कर आए हैं। मौजूदा विधानसभा में उन्हें प्रोटेम स्पीकर भी बनाया गया था। चंद्र कुमार हिमाचल सरकार में साल 1982 से 2004 के बीच राज्य मंत्री, कृषि और वानिकी का पद भी संभाल चुके हैं। इसके साथ ही वह साल 1989-1990 के बीच हिमाचल सरकार में कैबिनेट मंत्री के रूप में बिजली और परियोजना विभाग की जिम्मेदारी भी संभाल चुके हैं।
शपथ लेते हर्षवर्धन चौहान।

शिलाई से छह बार के विधायक- सिरमौर के शिलाई विधानसभा क्षेत्र के विधायक हर्षवर्धन चौहान छठी बार विधानसभा पहुंचे हैं। सिरमौर एनएसयूआई में वह जिला महासचिव रहे। शिमला विश्वविद्यालय में कैंपस बॉडी में हिमाचल एनएसयूआई के महासचिव रहे। यहां से उनकी एंट्री युवा कांग्रेस में हुई और राज्य महासचिव बने। हर्षवर्धन ने 1993 में शिलाई से चुनाव लड़ा और विधायक बने। 1998, 2003, 2007, 2017 में विधायक बने। एक बार सीपीएस रहे और एक बार राज्य रोजगार सृजन बोर्ड के चेयरमैन भी रहे। पूर्व मंत्री ठाकुर गुमान सिंह चौहान के घर 14 सितंबर 1964 को जन्मे हर्षवर्धन ने अपनी स्कूली शिक्षा सेंट एडवर्ड स्कूल शिमला से पूरी की। इसके बाद उन्होंने हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय से बीए और एलएलबी किया।
शपथ लेते जगत सिंह नेगी।

पांचवीं बार बने किन्नौर से विधायक- पूर्व विधायक रहे दिवंगत ज्ञान सिंह नेगी के घर जगत सिंह नेगी का जन्म 2 फरवरी 1957 को कल्पा जिले के किन्नौर में हुआ। पांचवीं बार किन्नौर से विधायक बने नेगी ने बीए एलएलबी की पढ़ाई चंडीगढ़ और पंजाब विश्वविद्यालय से की। एक जुलाई 1982 में उनकी शादी सुशीला नेगी के साथ हुई। उनका एक बेटा और एक बेटी है। 1996 से लेकर 98 तक जिला युवा कांग्रेस अध्यक्ष किन्नौर रहे। पहली बार उपचुनाव में 27 मई 1995 से लेकर 98 तक विधायक रहे। दूसरी बार 2003 में विधायक बने और संसदीय सचिव रहे। 2012 से लेकर 2022 तक लगातार तीन बार विधायक चुने गए, जबकि पूर्व कांग्रेस  सरकार में 2012 से लेकर 2017 तक विधानसभा उपाध्यक्ष रहे। भाजपा सरकार के कार्यकाल में  कांग्रेस विधायक दल के मुख्य सचेतक रहे।
शपथ लेते विक्रमादित्य सिंह।
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