विशेष सत्र पर बंटा विपक्ष, कांग्रेस की मांग पर शरद पवार बोले, इस तरह के गंभीर मुद्दे पर चर्चा संभव नहीं

नई दिल्ली। विपक्ष द्वारा संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग पर एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने कहा कि मैं संसद का विशेष सत्र बुलाने के खिलाफ नहीं हूं, लेकिन यह एक संवेदनशील और गंभीर मुद्दा है और संसद में इस तरह के गंभीर मुद्दे पर चर्चा संभव नहीं है। ऐसी स्थिति में राष्ट्रीय हित के लिए जानकारी को गोपनीय रखना जरूरी है। विशेष सत्र बुलाने के बजाय बेहतर होगा कि हम सब एक साथ बैठें। अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर एनसीपी (एससीपी) प्रमुख शरद पवार ने कहा कि अब तक हमने किसी तीसरे पक्ष को अपने घरेलू मुद्दों में हस्तक्षेप करने की इजाजत नहीं दी है, लेकिन यह पहली बार है जब अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हमारे आंतरिक मुद्दों के बारे में कुछ कहा है। शरद पवार ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान मारे गए आतंकवादियों के अंतिम संस्कार में पाकिस्तानी सरकारी अधिकारियों की मौजूदगी पर भी सवाल उठाया और कहा कि यह कदम देश के सीमा पार आतंकवाद में शामिल होने से इनकार करने के विरोधाभासी है। पवार ने कहा कि भारत ने कभी भी आतंकवादी गतिविधियों का समर्थन नहीं किया है।

जो कुछ हो रहा है, वह आतंकवादी गतिविधि का नतीजा है। पाकिस्तान के इनकार के बावजूद, उसकी मिलीभगत स्पष्ट है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में भारतीय हमलों में मारे गए आतंकवादियों के अंतिम संस्कार के दौरान उनकी सरकार के प्रतिनिधि मौजूद थे। अगर उनकी सरकार की कोई भूमिका नहीं थी, तो उनके अधिकारियों द्वारा इन अंतिम संस्कारों में भाग लेने का क्या मतलब है। एनसीपी प्रमुख पवार ने इस बात पर भी जोर दिया कि यद्यपि भारत गंभीर संकट से गुजर रहा है, लेकिन वे अपनी सैन्य ताकत के बल पर इसका जवाब देने में पूरी तरह सक्षम है।

संघर्षविराम से पहले होनी चाहिए थी बैठक

बंगलुरू। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने सोमवार को कहा कि केंद्र को पाकिस्तान के साथ सभी सैन्य कार्रवाई रोकने पर सहमति बनाने से पहले सर्वदलीय बैठक बुलानी चाहिए थी और संसद सत्र आहूत करना चाहिए था। सिद्धरमैया ने कहा कि आतंकवादियों और उनके आकाओं के खिलाफ अभियान का पूरा श्रेय सशस्त्र बलों को जाना चाहिए और किसी को भी इसका राजनीतिक श्रेय नहीं लेना चाहिए।

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