
नई दिल्ली : शिमला को देश के दूसरे राज्यों से जोडऩे वाले चंडीगढ़-शिमला फोरलेन का मामला गुरुवार को संसद में गूंजा। केरल के वायनाड से सांसद एवं कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने लोकसभा में इस राष्ट्रीय राजमार्ग की स्थिति को लेकर गंभीर चिंता जताई। प्रियंका गांधी ने कहा कि चंडीगढ़-शिमला फोरलेन के कई हिस्सों में रिटेनिंग वॉल (सुरक्षा दीवारें) बेहद कम ऊंचाई की बनाई जा रही हैं, जिसके कारण इन स्थानों पर लैंडस्लाइड की घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं। उन्होंने इस ओर केंद्र सरकार और संबंधित एजेंसियों का ध्यान आकर्षित करते हुए तत्काल प्रभावी कदम उठाने की मांग की। उन्होंने केंद्रीय सडक़ परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी से चंडीगढ़-शिमला हाईवे को लेकर हस्तक्षेप करने की मांग भी रखी। बता दें कि चंडीगढ़-शिमला फोरलेन पर मानसून में जगह-जगह लैंडस्लाइड की घटनाएं पेश आती रही है।
बीते सालों में परवाणू से शिमला के बीच कई बड़े लैंडस्लाइड हुए, जिनमें जान व माल दोनों का नुकसान हुआ है। इस गंभीर स्थिति पर हिमाचल हाईकोर्ट भी संज्ञान ले चुका है और कई बार नेशनल हाईवे ऑथोरिटी ऑफ इंडिया अधिकारियों को फटकार लगा चुका है। इस फोरलेन के निर्माण में देरी के साथ-साथ निर्माण एजेंसी पर पहाड़ों की बेतरतीब कटिंग और पर्यावरणीय मानकों की अनदेखी के आरोप भी लगते रहे हैं। ऐसे में प्रियंका गांधी द्वारा इस मुद्दे को संसद में उठाए जाने को अहम माना जा रहा है।
प्रियंका ने मांगी अप्वाइंटमेंट, तुरंत मिले नितिन गडकरी
लोकसभा में गुरुवार को एक अलग ही घटना देखने को मिली। कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी चंडीगढ़-शिमला हाईवे को लेकर केंद्रीय सडक़ एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी से सवाल कर रही थीं। अपना सवाल खत्म करते ही प्रियंका गांधी ने मुस्कुराते हुए कहा कि, सर मैं जून से आपसे मिलने का वक्त मांग रही हैं, अपने संसदीय क्षेत्र के कुछ कामों के लिए, वक्त दे दीजिए। इस पर नितिन गडकरी की तरफ से भी तुरंत जवाब दिया गया कि आप कभी भी मिलने आ जाइए। आपको अप्वाइटमेंट लेने की जरूरत नहीं है।
इसके बाद प्रश्नकाल खत्म होते ही प्रियंका ने गडकरी से मुलाकात की और अपने संसदीय क्षेत्र वायनाड की सडक़ों पर चर्चा की। मुलाकात के दौरान गडकरी ने प्रियंका गांधी को चावल से बनी डिश भी खिलाई। इस दौरान गडकरी ने मजाकिया लहजे में कहा कि भाई का काम कर दिया है तो बहन का काम क्यों नहीं करेंगे। गौरतलब है कि कुछ दिन पहले ही राहुल गांधी ने भी रायबरेली की सडक़ों को लेकर गडकरी से मुलाकात की थी।





