


प्रदेश में ग्रामीण लोगों को पानी मुफ्त में मिल रहा था, उस पर भी टैक्स लगा दिया और शहरों में मिलने वाले पानी की दरो में 500 प्रतिशत की बढ़ौतरी कर दी गई। राशन के डिपु में मिलने वाले आटे का दाम 3 रूपये और चावल का दाम 4.50 रूपये और सरसों के तेेल के दाम में 50 रूपये से अधिक की बढ़ौतरी की, जो गरीब की जेब पर बड़ा डाका है। राशन की दालों में व अन्य सामान में भी भारी इजाफा किया गया है। छोटे-छोटे कामो के लिए लगने वाली कोर्ट फीस, स्टाॅम्प डयूटी में 500 प्रतिशत तक टैक्स लगाया है और रजिस्ट्री फीस को 50 प्रतिशत तक बढ़ा दिया है।
डाॅ. बिन्दल ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में आवागमन का एकमात्र साधन एचआरटीसी की बसें है। ढाई वर्षों में एचआरटीसी ने दूर दराज में जाने वाले अनेकों रूट बंद कर दिए और लोगों को टैक्सियां हायर करके बीमारी की अवस्था में शहरों में आने को मजबूर किया।
महिलाओं को मिलने वाली बस किराए की सबसिडी बंद करके बहनो के आवागमन पर रोक लगाई।
घरों में इस्तेमाल होने वाले छोटे-बड़े सामान पर टैक्स लगाकर गांव के गरीब को जोर का झटका दिया और अब सरकार ने लम्बी दूरी की बसों के किराए में बेतहाशा वृद्धि करके प्रदेश की जनता की जेब पर डाका डाला है और वो भी ऐसे समय पर टैक्स लगाया जब भारत सीमा पर लड़ाई लड़ रहा था और प्रदेश के मुख्यमंत्री और उप-मुख्यमंत्री हिमाचल की जनता पर टैक्स ठोक रहे थे।
कांग्रेस पार्टी की कथनी और करनी पर करारा प्रहार करते हुए डाॅ. बिन्दल ने कहा कि वो कांग्रेस पार्टी जो 2022 के चुनाव में वोट प्राप्त करने के लिए हिमाचल प्रदेश की जनता को आसमान से तारे तोड़कर लाने को तैयार थी, उसने प्रदेश की जनता के कपड़े उतारने शुरू कर दिए हैं।
प्रदेश सरकार की कार्यशैली पर आरोप लगाते हुए डाॅ. बिन्दल ने कहा कि टैक्स भी लग रहा है, कर्ज भी लिया जा रहा है परन्तु माली हालत का हवाला देकर स्कूल, काॅलेज, अस्पताल, पीएचसी व दफ्तर बंद किए जा रहे हैं। प्रदेश सरकार नेे सरकारी विभागों के डेढ़ लाख पदों को समाप्त किया जो कि प्रदेश के बेरोजगार युवाओं के साथ वादा खिलाफी है और विकास विरोधी मानसिकता का परिचायक है।



