सीटू की अगुवाई में मिड-डे मील वर्करों ने मांगों को लेकर निकाली रैली

#खबर अभी अभी शिमला ब्यूरो*

22 सितंबर 2023

Under the leadership of CITU, mid-day meal workers took out a rally with their demands.

मिड-डे मील वर्कर्स यूनियन संबंधित सीटू ने शुक्रवार को शिमला के चौड़ा मैदान में प्रदर्शन किया। इससे पहले पंचायत भवन से चौड़ा मैदान तक रैली निकाली गई। रैली में बड़ी संख्या में मिड-डे मील कार्यकर्ताओं ने भाग लिया। कार्यकर्ताओं ने अपनी मांगों को लेकर सरकार के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया।

सीटू प्रदेशाध्यक्ष विजेंद्र मेहरा, महासचिव प्रेम गौतम, उपाध्यक्ष जगत राम, यूनियन प्रदेशाध्यक्ष इंद्र सिंह व महासचिव हिमी देवी ने कहा कि केंद्र सरकार 45वें श्रम सम्मेलन की शर्त के अनुसार मजदूरों को मजदूर का दर्जा देने, पेंशन, ग्रेच्युटी, स्वास्थ्य आदि सुविधा को लागू नहीं कर रही है। केंद्र में रही सरकारों ने वर्ष 2009 के बाद मिड-डे मील वर्करों के वेतन में एक रुपये की बढ़ोतरी भी अभी तक नहीं की है।

केंद्र सरकार ने मिड-डे मील योजना का नाम बदलकर प्रधानमंत्री पोषण योजना करके इसे खत्म करने की सुनियोजित साजिश रची है। सरकार मिड-डे मिल योजना में केंद्रीय रसोई घर व डीबीटी शुरू कर रही है। स्कूलों में मिड-डे मील के खाते बंद कर दिए गए हैं। केंद्र सरकार नई शिक्षा नीति लेकर आई है, जिसके चलते बड़े पैमाने पर सरकारी स्कूल बंद हो जाएंगे।राज्य में मिड-डे मील वर्करों को साढ़े तीन हजार रुपये मिलते हैं, वह भी समय पर नहीं मिल रहे। इस महंगाई के दौर में यह मानदेय बहुत कम है। प्रदेश सरकार की ओर से अप्रैल 2023 से घोषित चार हजार रुपये वेतन छह महीने बाद भी नहीं मिला है। पिछले पांच महीने से मिड-डे मील कर्मियों को वेतन नहीं मिला है।

उन्होंने सरकार से मांग की है कि मिड-डे मिल वर्करों का न्यूनतम वेतन 11,250 रुपये किया जाए। मिड-डे मील मजदूरों को कोर्ट के 31 अक्टूबर 2019 के निर्णय अनुसार 10 महीने के बजाय 12 महीने का वेतन दिया जाए। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 रद्द की जाए।

#खबर अभी अभी शिमला ब्यूरो*

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