सुंदरनगर : सैन्य सम्मान के साथ अग्निवीर प्रशांत ठाकुर को अंतिम विदाई, हर आंख नम………..

सुंदरनगर उपमंडल के डैहर क्षेत्र की बरोटी पंचायत के भतरेड़ गांव और आसपास का पूरा क्षेत्र अग्निवीर प्रशांत ठाकुर के गहरे शोक में डूबा रहा। जैसे ही अग्निवीर प्रशांत ठाकुर को सैन्य सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई, पूरा गांव और आसपास का क्षेत्र सिसकियों में बदल गया। तिरंगे में लिपटा पार्थिव शरीर जैसे ही श्मशान घाट पहुंचा, माहौल गमगीन हो गया। “प्रशांत भाई अमर रहें” के नारों के बीच लोगों की आंखें भर आईं और हर चेहरा दर्द से बोझिल नजर आया।

गांव की हर गली, हर चौखट पर सिर्फ एक ही सवाल था—जिस जीवन की कहानी अभी शुरू ही हुई थी, वह इतनी जल्दी कैसे थम गई? माता-पिता ने जिस बेटे को बड़े अरमानों, त्याग और संघर्ष से पाला, जिसकी वर्दी पहनकर देश सेवा की यात्रा अभी शुरू हुई थी, उसी बेटे की कहानी अधूरी रह गई। जिन सपनों में माता-पिता ने अपना भविष्य देखा था, वे सपने एक झटके में टूटकर बिखर गए।

प्रशांत घर से मनाली घूमने के लिए निकला था, लेकिन किसे पता था कि घर से महज कुछ ही किलोमीटर की दूरी पर मौत उसका इंतजार कर रही है। एक पल में वह मुस्कान, वह भरोसा और वह भविष्य सब खत्म हो गया। मां ने जिस बेटे की सलामती के लिए शीतला माता के दर पर मन्नत मांगी थी, उसी मां की गोद इतनी जल्दी सूनी हो जाएगी—यह किसी ने सोचा भी नहीं था।

आज मां की आंखें अपने कलेजे के टुकड़े को खोजती रहीं, पिता की चुप्पी हजारों सवालों का जवाब देती रही और गांव की हवा में सिर्फ एक ही पीड़ा तैरती रही—ईश्वर के आगे माता-पिता के सपने, बेटे की इच्छाएं और उसकी अधूरी कहानी हार गई। प्रशांत की विदाई ने न सिर्फ एक परिवार, बल्कि पूरे क्षेत्र को ऐसा जख्म दे दिया है, जिसे भरने में बरसों लगेंगे।

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