सुक्खू पुरानी पेंशन योजना लागू करने का कर रहे हैं दावा, तो फरवरी के वेतन से क्यों कटा एनपीएस का पैसा

#खबर अभी अभी सोलन ब्यूरो*

2 मार्च 2023

हिमाचल प्रदेश में मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू और उनके मंत्री पुरानी पेंशन योजना  लागू करने का दावा तो कर रहे हैं, लेकिन  फरवरी के वेतन से भी नई पेंशन प्रणाली के तहत सरकारी कर्मचारियों और सरकार का पैसा कटने से बड़ा सवाल खड़ा हो गया।  प्रदेश में 13 जनवरी को कांग्रेस सरकार की पहली कैबिनेट बैठक में ओपीएस को तत्काल प्रभाव से लागू करने का दावा किया गया था, लेकिन अभी तक ओपीएस लागू करने की अधिसूचना सरकार जारी नहीं कर पाई और न ही इसको लेकर कोई गाइडलाइन बन सकी। विपक्ष दल भाजपा भी कांग्रेस की दस गारंटियों में से सबसे बड़ी गारंटी अब तक लागू न होने पर सवाल उठा रही है।

जो कर्मचारी जनवरी और फरवरी में सेवानिवृत ह़ुए हैं, वे अभी पुरानी पेंशन के दायरे में ही नहीं आए हैं। फरवरी के 1 मार्च को आए वेतन में एनपीए के तहत आने वाले कर्मचारियों का अपना शेयर और राज्य सरकार का हिस्सा दोनों ही कट रहे हैं। इसे केंद्र सरकार के प्राधिकरण पेंशन निधि विनियामक एवं विकास प्राधिकरण में जमा किया जा चुका है। केंद्र से एनपीएस का पैसा निकलना भी टेढ़ी खीर बन गया है। ऐसे में लगातार एनपीएस में पैसा जाना कर्मचारियों के लिए परेशानी खड़ा कर सकता है। बेशक सरकार बार-बार कह रही है कि इस योजना को लागू किया जा चुका है, लेकिन राज्य में अभी तक एनपीएस को बंद करने और ओपीएस लागू करने की अधिसूचना जारी नहीं हो पाई है। उल्लेखनीय है कि जनवरी का एक फरवरी को भी वेतन इसी तरह आया था। इससे लाखों कर्मचारियों की उम्मीदों पर हर बार पानी फिर रहा है।

एनपीएस के तहत कर्मचारी अपनी तनख्वाह के मासिक 10 प्रतिशत का हिस्सा पीएफआरडीए में जमा करते हैं, जबकि राज्य सरकार की ओर से 14 प्रतिशत शेयर जमा किया जाता है। वर्तमान में एनपीएस के तहत प्रदेश के कर्मचारियों और सरकार के करीब 8,000 करोड़ रुपये से ज्यादा पीएफआरडीए के पास फंसे  हैं। इस पैसे को वापस लाने की बातें हो रही हैं, जबकि पीएफआरडीए की ओर से इस संबंध में इनकार किया जा चुका है। ऐसे में पीएफआरडीए में कर्मचारी और सरकार के शेयर को जमा करने का सिलसिला अभी तक नहीं रुका है।
ओपीएस के धरातल पर लागू न होने के कारण यह स्थिति बनी हुई है। वहीं, पत्रकारों के सवाल पर बुधवार को उद्योग मंत्री हर्षवर्द्धन चौहान ने भी प्रेस वार्ता में कहा कि हिमाचल प्रदेश में ओपीएस को लागू किया जा चुका है।

#खबर अभी अभी सोलन ब्यूरो*

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