सुखी जीवन के लिए स्वार्थी चित को खत्म करने की जरूरत : बौद्ध धर्मगुरु दलाईलामा

#खबर अभी अभी सोलन ब्यूरो*

6 सितंबर 2023

Tibetan Buddhist religious leader Dalai Lama said needs to end the selfish mind for a happy life

मनुष्य को अगर सुखी और शांतिप्रिय जीवन बिताना है तो उन्हें अपने स्वार्थी चित और स्वार्थ भाव को खत्म करना होगा। वैसे तो हम हमेशा खुश रहना चाहते हैं, लेकिन स्वार्थी भावनाओं के कारण दुख में पड़ जाते हैं। सुखी जीवन के लिए हमें सुमिता और बौद्धचित का प्रत्येक दिन अभ्यास करना चाहिए। यह बात बौद्ध धर्मगुरु दलाईलामा ने मंगलवार को मैक्लोडगंज स्थित तिब्बती मंदिर में आयोजित दो दिवसीय टीचिंग के पहले दिन कही।

दलाईलामा ने कहा कि भगवान बुद्ध ने विभिन्न चीजों का अनुभव करके कई बुराइयां नष्ट की हैं। बौद्धचित का अभ्यास करना लाभदायक होता है। बुद्ध के प्रवचनों के अनुसार किसी व्यक्ति का कैसे लाभ हो, इसके बारे में बौद्धचित में व्याख्यान किया है। दलाईलामा ने कहा कि हमारे अंदर कई बुराइयां होती हैं, जिन्हें नष्ट करने के लिए हमें आत्मचिंतन की जरूरत है।

उन्होंने कहा कि वह हर दिन बौद्धचित का अभ्यास करते हैं। इससे उनके मन में कई परिवर्तन आए हैं और आ रहे हैं। हम सभी एक जैसे हैं और हमें सभी को एक समान देखनाचाहिए और हर किसी के हित की चिंता करनी चाहिए। अज्ञानता और अविद्या के कारण मनुष्य केवल अपना हित सोचता है और दूसरों को दुख और नुकसान पहुंचाते हैं।

हमें जो बाहर की दुनिया में दिखता है, वे स्वभाव से सिद्ध नहीं होता है। जब इसका परिचय कर पाते हैं तो हमें सही-गलत का पता चलता है। यह सब ग्रंथों से नहीं, बल्कि अपने अनुभव से कह रहा हूं। उन्होंने कहा कि हमें अपने साथ-साथ दूसरे के हित के बारे में भी सोचना चाहिए। सभी को बौद्धचित का अभ्यास करना चाहिए और यह काफी प्रभावशाली है।

#खबर अभी अभी सोलन ब्यूरो*

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