स्वास्थ्य: हिमाचल के एम्स बिलासपुर में अगस्त में शुरू होगी प्रदेश की पहली सिमुलेशन लैब

एम्स बिलासपुर की स्किल लैब में अगस्त से सिमुलेशन लैब शुरू हो जाएगी। यह प्रदेश की अपनी तरह की पहली अत्याधुनिक लैब होगी। इसमें डॉक्टरों, नर्सिंग स्टाफ और मेडिकल छात्रों को जीवनरक्षक प्रक्रियाओं की रियल टाइम ट्रेनिंग दी जाएगी। लैब में प्रशिक्षण के लिए अत्याधुनिक सिमुलेटर संस्थान में पहुंच चुका है, जिसे स्किल लैब में स्थापित किया जाएगा। इससे पहले स्टाफ को इसकी कार्यप्रणाली का प्रशिक्षण स्किल लैब में ही दिया जाएगा। इस सिमुलेटर के जरिये सांस लेने में तकलीफ, दिल की धड़कन बंद होने, ग्लूकोज असंतुलन, चोट लगने या ट्रॉमा जैसी आपात स्थितियों का सटीक अभ्यास किया जा सकेगा।
यह उपकरण एक कृत्रिम रोगी की तरह कार्य करता है, जो प्रशिक्षुओं को बिना किसी वास्तविक जोखिम के गंभीर परिस्थितियों से निपटने का व्यावहारिक अनुभव देगा। इस लैब की स्थापना में इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन लिमिटेड का महत्वपूर्ण योगदान है। कंपनी ने अपने कॉरपोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी फंड के अंतर्गत इस प्रयोगशाला के लिए तीन करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता दी है। इस राशि से सिमुलेटर, प्रशिक्षण उपकरण और अन्य बुनियादी ढांचे विकसित किए जा रहे हैं।
बताते चलें कि प्रदेश में अब तक केवल टांडा मेडिकल कॉलेज में नेशनल एडवांस्ड लाइफ सपोर्ट (नेल्स) लैब कार्यरत है, लेकिन फुली-फंक्शनल डिजिटल सिमुलेशन लैब एम्स बिलासपुर में पहली बार शुरू हो रही है। यह लैब प्रदेश को उच्च स्तरीय चिकित्सा प्रशिक्षण के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाएगी। लैब के माध्यम से प्रशिक्षु चिकित्सकों और स्टाफ में वास्तविक हालात में निर्णय लेने की क्षमता का विकास होगा। इससे संस्थान की आपात सेवाएं अधिक प्रभावशाली बनेंगी और मरीजों को बेहतर उपचार मिलेगा।

आपातकालीन परिस्थितियों में उपचार देने तक का व्यावहारिक प्रशिक्षण मिलेगा

एम्स बिलासपुर में स्थापित की जा रही अत्याधुनिक स्किल लैब में स्वास्थ्य कर्मियों को मरीजों की देखभाल से लेकर जटिल आपातकालीन परिस्थितियों में उपचार देने तक का व्यावहारिक प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। भविष्य में इस लैब को और भी आधुनिक स्वरूप दिया जाएगा, जिसमें वेट लैब और ड्राई लैब की सुविधाएं शामिल होंगी।

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